नई दिल्ली, । दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मेयर के चुनाव को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच दांव-पेंच का नया अखाड़ा तैयार हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने आज सोमवार को एमसीडी में एल्डरमैन और पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को अवैध करार देते भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आम आदमी पार्टी के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय का घेराव करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। इस दौरान डीडीयू मार्ग पर आप कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए मौके पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है। आप ने उपराज्यपाल पर मेयर चुनाव को लेकर संविधान की हत्या करने का आरोप लगाया है।
AAP ने एमसीडी सदन की गरिमा को किया तार-तार – भाजपा
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ता भी दिल्ली नगर निगम में पार्षदों के शपथ को लेकर हुए हंगामा के विरोध में मुख्यमंत्री आवास के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने एमसीडी सदन की गरिमा को तार-तार किया है।
उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी दिन शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन में माहौल गर्म रहा। पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने पर आप और भाजपा पार्षद आपस में भिड़ गए थे। दोनों दलों के नेताओं के बीच जमकर हाथापाई हुई थी। इस वजह से निगम की पहली बैठक रद हो गई। निगम के इतिहास में ये पहला मौका है जब पहली बैठक में न तो सभी सदस्यों का शपथ ग्रहण हो पाया और न ही महापौर व उपमहापौर का चुनाव हो सका।
उपराज्यपाल तय करेंगे अगली बैठक की तारीख
अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना सदन की अगली बैठक की तारीख तय करेंगे, तभी निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण और महापौर, उपमहापौर व स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव होगा। आप की तरफ से सदन में दल के नेता मुकेश गोयल ने पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा द्वारा मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने पर आपत्ति जताई। इसके बाद आप और भाजपा के पार्षद पीठासीन अधिकारी के आसन तक पहुंच गए। दोनों दलों के पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू की थी। कुछ देर बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। एक आप पार्षद ने कुर्सी व मेज उठाकर भाजपा पार्षद को मारने की भी कोशिश की थी। हालांकि, आप विधायक दुर्गेश पाठक ने उन्हें रोक लिया थी।
इस बीच, दोनों दलों के कुछ पार्षद पीठासीन अधिकारी के आसन के पास धक्का-मुक्की करते हुए गिर पड़े। इसके बाद वहां भी जमकर हाथापाई शुरू हो गई। मौके पर मौजूद निगमकर्मियों और पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन हाथपाई जारी रही। हंगामा नहीं रुका तो सदन की कार्यवाही अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दी।