नई दिल्ली, यमुना में बढ़ रहे प्रदूषण व कचरा प्रबंधन सही तरह से नहीं होने के कारण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा दिल्ली सरकार पर 61 सौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसे लेकर भाजपा ने दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा है। भाजपा ने जुर्माना की राशि आप के खजाने से वसूलने की मांग की है।
वीरेंद्र सचदेवा ने किया हमला
दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि एनजीटी ने यमुना में प्रदूषण को आपातकालीन जैसी स्थिति बताया है। आठ वर्षों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिर्फ झूठे वादे व दावे करते हुए हरियाणा सरकार को दोषी ठहराते रहे हैं। अब एनजीटी ने स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा में यमुना साफ है और दिल्ली में प्रवेश करने के बाद इसकी स्थिति खराब हो गई है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि दिल्ली के 35 में से 23 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) मानक पर खरे नहीं उतरते हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर में भी एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर नौ सौ करोड़ का जुर्माना लगाया गया था, जिसे जमा नहीं किया गया। संवैधानिक संस्था से विवाद आप की पुरानी आदत है। सरकार की लापरवाही के कारण अब जुर्माना की मार दिल्लीवासियों पर पड़ेगी। मुख्यमंत्री को राजनीतिक बयानबाजी बंद कर दिल्ली के विकास पर ध्यान देना चाहिए। यहां प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है। यदि केंद्र सरकार ईस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल सड़कें नहीं बनाती, इलेक्ट्रिक बसें नहीं देती तो आज दिल्ली की स्थिति और खराब होती।
रामवीर बिधूड़ी ने भी लगाए आरोप
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार की दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की रिपोर्ट के अनुसार भी यमुना आठ वर्षों में दो सौ प्रतिषद ज्यादा दूषित हो गई है। इस मामले को विधानसभा में नहीं उठाने दिया गया। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा दिल्ली सरकार पर अबतक सात हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह राशि आम आदमी पार्टी से वसूला जाना चाहिए न कि दिल्लीवासियों के टैक्स से। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने यमुना की सफाई के लिए दिल्ली सरकार को ढाई हजार करोड़ रुपये दिए हैं। इसके खर्च का विवरण मांगने पर भी दिल्ली सरकार नहीं दे रही है।