मनीष सिसोदिया ने एक दिन में बदले कई फोन- पात्रा
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि 32 पेज के रिमांड रिपोर्ट से स्पष्ट है कि उपमुख्यमंत्री नई आबकारी नीति में पूरी तरह से संलिप्त हैं। अधिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इस नीति को बनाया। शराब विक्रेताओं का कमीशन दो प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया। आम आदमी पार्टी के नेताओं को घूस मिला है। इससे संबंधित साक्ष्य नष्ट करने के लिए उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और मंत्री कैलाश गहलोत सहित इस मामले से जुड़े 36 लोगों ने 170 मोबाइल हैंडसेट बदले हैं।
साथ ही उन् स मामले में 22 जुलाई को एफआइआर दर्ज होते ही सिसोदिया ने अपना मोबाइल फोन बदल लिया। 17 अगस्त को सिसोदिया के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज हुई और उसके तीन बाद एक ही दिन में चार बार मोबाइल हैंडसेट और मोबाइल नंबर बदल गया। उन्हें बताना चाहिए कि एक ही दिन में चार बार मोबाइल फोन क्यों बदला गया। उसके बाद भी उन्होंने मोबाइल फोन बदले हैं। हिंदी सिनेमा के विलेन की तरह उन्होंने साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की। बावजूद इसके नई आबकारी नीति के लागू होने से पहले ही इसकी जानकारी कुछ लोगों को देने से संबंधित उनके चैट सामने आ गए हैं।
जांच पुरी होते ही गिरफ्तार होंगे मनीष सिसोदिया
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि नई आबकारी नीति में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। सीबीआइ के आरोप पत्र में सिसोदिया का नाम नहीं है। उन्हें क्लीन चिट मिल गया है। मुख्यमंत्री की इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। जांच पूरी होते ही उनके उपमुख्यमंत्री गिरफ्तार होंगे।