सुप्रीम कोर्ट में पिछली बार मामले की सुनवाई टल गई थी। दरअसल, पिछली सुनवाई में केंद्र की ओर से कहा गया था कि सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता उपलब्ध नहीं हैं। इसकी सुनवाई जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ कर रही है। शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को याचिकाकर्ता को याचिका की एडवांस कापी केंद्रीय एजेंसी समेत प्रतिवादियों के वकीलों को देने की छूट दी थी। याचिका में आप ने केंद्र सरकार, राज्य चुनाव आयोग और विशेष अधिकारी के जरिये एमसीडी को पक्षकार बनाया है।
बता दें कि दिल्ली में किए जाने वाले परिसीमन अभ्यास के दौरान दिल्ली के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को कम से कम तीन वार्डों में बांटा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि परिसीमन के बाद प्रत्येक वार्ड में अनुमानित जनसंख्या 65,000 से 67,000 के बीच होने की संभावना है। परिसीमन समिति के अध्यक्ष विजय देव ने हाल ही में कहा था कहा कि दिल्ली में 250 वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर शुरू की गई है।
एमसीडी चुनाव को लेकर AAP हमलावर
एमसीडी चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी भाजपा पर लगातार हमलावर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी नेताओं ने भाजपा पर हमला बोला था। इसको लेकर आप के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। पार्टी नेता दुर्गेश पाठक का कहना है कि चुनाव आयोग को डरा धमकाकर दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 को टाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी संघर्षों से निकल कर आई है।