नई दिल्ली,। केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के विधायकों का दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन का मुद्दा मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। साथ ही केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन को अवांछनीय करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश साॉलिसिटर जनरल तुसार मेहता ने AAP के विधायकों के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया। बता दें कि चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच-जजों की संविधान पीठ केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सेवाओं के नियंत्रण को लेकर उपजे विवाद सुनने के लिए बैठी थी।
केंद्र ने प्रदर्शन को बताया शर्मनाक
कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक चेतावनी है। मैं खुद को केवल कानूनी सबमिशन तक ही सीमित रखूंगा। जबकि मैं यह कह रहा हूं, राष्ट्रीय राजधानी में कुछ घटनाएं हो रही हैं, जबकि आप मामले के बीच में हैं। कुछ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने आप विधायकों के प्रदर्शन को लेकर कहा कि राजधानी में होने वाले प्रदर्शन को दुनिया देखती है। यह शर्मनाक बात है।
अरविंद केजरीवाल का LG पर यह आरोप
बता दें कि सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधायकों ने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने से रोकने का आरोप लगाया है।
अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व अन्य विधायकों के साथ विधानसभा से लेकर उपराज्यपाल निवास तक मार्च निकाला। इस दौरान सीएम केजरीवाल सभी विधायकों के साथ एलजी से मिलने की मांग पर अड़े रहे। ऐसा न होने पर वह एलजी आवास के पास से वापस लौट आए।
दिल्ली LG ने आरोपों के बीच रखी बात
आम आदमी पार्टी के इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से भी अपनी बात रखी गई। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि उन्होंने शिक्षकों के फिनलैंड जाने के प्रस्ताव को अस्वीकार (रिजेक्ट) नहीं किया है।