नई दिल्ली, । दिल्ली सरकार ने अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों को लेकर अच्छी पहचान देने के लिए एक पहल की है। इस संबंध में शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने इन क्षेत्रों के उद्यमियों से मुलाकात कर उनके सामने पूरा प्लान रखा।
सीएम ने कहा कि हमने अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित जोन में तब्दील करने की दिशा में काम करने के लिए पहल की है, ताकि इसे सही पहचान मिल सके। हमने इन एरिया का तीन चरणों में पुनर्विकास करने के लिए नीति बनाई है। हम उद्योगों को बढ़ावा देने और अधिक रोजगार पैदा करने में मदद करने के लिए इन सभी एरिया का संपूर्ण पुनर्विकास करेंगे।
सीएम ने सभी एसोसिएशन का समर्थन मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उद्योगपतियों के सहयोग के बिना यह प्रोजक्ट सफल नहीं हो सकता है। दिल्ली सचिवालय में आयोजित बैठक में उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज, सभी इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारी और स्थानीय विधायकों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर केजरीवाल नेग कहा कि अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों में जरूरी सुविधाएं भी डीडीए मुहैया नहीं करा पाया है। सीएम ने कहा कि दिल्ली का विकास बहुत ही अनियोजित तरीके से हुआ है।
दिल्ली में कोई प्लानिंग नहीं हुई। लोगों को जहां जगह मिलती गई, वे बसते गए। लोगों ने कहीं अपने मकान बनाए तो कहीं दुकानें और उद्योग शुरू कर दिए गए।
ऐसे में डीडीए की यह जिम्मेदारी थी कि वो उद्योगों और रिहायशी इलाकों के लिए अलग से जगह की प्लानिंग करे और लोगों के लिए घर व दुकान बनाने के लिए जगह दे। मगर जिस तेजी से दिल्ली का विस्तार हुआ, उतनी तेजी से डीडीए जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाया।
सालों के बाद भी नहीं हुई अनियमित औद्योगिक क्षेत्र में कार्रवाई: सीएम
सीएम ने कहा कि डीडीए ने लगभग दो दशक पहले एक आदेश जारी किया कि दिल्ली में जितने भी अनियमित औद्योगिक क्षेत्र हैं, वो अपना लेआउट प्लान बनाकर खुद अपना पुनर्विकास करें या फिर इसे एमसीडी से कराएं।अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों के अंदर अपने उद्योग को बंद करना पड़ेगा।
इस आदेश को आए हुए भी लगभाग 20 साल बीत चुके हैं, मगर आज तक न तो इन अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग का कोई लेआउट प्लान बना है और न ही कोई पुनर्विकास हुआ है।