नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ एनडीएमसी क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण में विफलता को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ परिषद की बैठक में निंदा प्रस्ताव रखा गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानसून से पहले दिल्ली में एक एपेक्स कमेटी फ्लड कंट्रोल बनी हुई थी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उस समित के चेयरमैन हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने दो साल से इस एपेक्स कमेटी की बैठक नहीं ली।
बाढ़ की वजह से लोगों को छोड़ना पड़ा अपना घर
इस वजह से जहां एनडीएमसी का क्षेत्र और दिल्ली के अन्य क्षेत्र बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सिविल लाइंस से लेकर यमुना बाजार, जैतपुर जैसे इलाकों में पानी भर गया। विकास मार्ग पर ट्रैफिक परिचालन कई दिनों तक बाधित रहा। बाढ़ की वजह से दिल्ली के कई निवासियों को अपना घर छोड़ना पड़ा। इसके अलावा पिछले दो से तीन दिनों से एनडीएमसी के क्षेत्र में पीने के पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
बैठक के बाद एनडीएमसी सदस्य कुलजीत चहल ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ आई लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल गायब रहे। उन्होंने दो साल से एपेक्स कमेटी की बैठक तक नहीं की। इतना ही नहीं उन्होंने न तो किसी सुविधा शिविर का दौरा किया और न ही महिला होस्टल और स्कूल का दौरा किया। जब सीएम से जवाब मांगा गया तो वह बिना सवालों के जवाब दिए बैठक को स्थगित करके चले गए। चहल ने दावा किया कि एनडीएमसी के इतिहास में पहली बार हुआ है कि बैठक बिना एजेंडे के स्थगित हो गई हो।
वहीं, इस मामले में दिल्ली सरकार का कहना था कि भाजपा से से जुड़े सभी सदस्यों ने एनडीएमसी की बैठक को राजनीतिक युद्ध के मैदान में तब्दील कर दिया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा को एनडीएमसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है। बैठक के एजेंडे में कई अहम मुद्दे थे। लेकिन भाजपा सदस्यों ने राजस्थान में महिला अत्याचार, सर्जिकल स्ट्राइक, टुकड़े गैंग आदि के मुद्दे उठाए।
क्या ये मुद्दे एनडीएमसी के लोगों के कल्याण से संबंधित हैं? नहीं, ये घटिया और गंदी राजनीति थी। बैठक में कुलजीत चहल के नेतृत्व में भाजपा के सदस्य चिल्लाते रहे और एक भी एजेंडे पर चर्चा नहीं होने दी। कोई अन्य विकल्प न होने पर सीएम को बैठक स्थगित करनी पड़ी। जबकि सीएम भाजपा के सदस्यों से बैठक को संचालित होने की गुहार लगाते रहे। सरकार ने आगे कहा है कि भाजपा के सदस्यों का एक मात्र उद्देश्य सीएम का अपमान करना है।