उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि 8 वर्ष पहले शुरू हुआ ये अभियान बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार दे रहा है। हर साल डिजिटल इंडिया अभियान में नए आयाम जुड़े हैं, नई टेक्नोलॉजी का समावेश हुआ है। आज जो नए प्लेटफार्म और प्रोग्राम लॉन्च हुए हैं, वो इसी श्रृंखला को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ जो देश आधुनिक टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है। लेकिन आज हम ये गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ 8-10 साल पहले की स्थितियों को याद कीजिए… बर्थ सर्टिफिकेट लेने के लिए लाइन, बिल जमा करना है तो लाइन, राशन के लिए लाइन, एडमिशन के लिए लाइन, रिजल्ट और सर्टिफिकेट के लिए लाइन, बैंकों में लाइन, इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने Online होकर किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल गवर्नेंस का एक बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत में है। जनधन, मोबाइल और आधार कार्ड। JAM की त्रिशक्ति का देश के गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि DBT के माध्यम से बीते 8 साल में 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। इस टेक्नोलॉजी की वजह से करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपये जो किसी और के हाथ में जाते थे, वो बच गए हैं। गांव में सैकड़ों सरकारी सेवाएं डिजिटली देने के लिए पिछले 8 वर्ष में 4 लाख से अधिक नए कॉमन सर्विस सेंटर जोड़े जा चुके हैं। आज गांव के लोग इन केंद्रों से डिजिटल इंडिया का लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया है, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है। अगर डिजिटल इंडिया अभियान न होता तो 100 साल में आये इस सबसे बड़े संकट के समय हम देश में क्या कर पाते? हमने देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मजदूरों के बैंक खातों में एक क्लिक से हज़ारों करोड़ रुपये पहुंचा दिए। वन नेशन- वन राशन कार्ड की मदद से हमनें 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया का 40% डिजिटल लेन-देन हमारे हिन्दुस्तान में होता है। इसमें भी भीम, यूपीआई आज सरल डिजिटल ट्रांजेक्शन का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। डिजिटल इंडिया भविष्य में भी भारत की नई अर्थव्यवस्था का ठोस आधार बने, इसके लिए भी आज अनेक प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी माइंडसेट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है।
अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का एक बहुत बड़ा नेटवर्क देश में तैयार किया जा रहा है।
पीएम ने कहा कि आज भारत अगले 3-4 साल में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। भारत चिप टेकर से चिप मेकर बनना चाहता है। सेमी कंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।