- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आठ लाख रुपये सालाना आय तय करने का कारण पूछा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि ये नीति का मामला है. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आखिर आय के मानदंड को पूरे देश में समान रूप से कैसे लागू किया जा सकता है? जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे ASG केएम नटराज से पूछा कि आठ लाख रुपये का मानदंड तय करने के लिए आपने क्या अभ्यास किया? या आपने OBC पर लागू होने वाले मानदंड को स्वीकार कर लिया?
पीठ ने कहा कि आय के मानदंड को पूरे देश में समान रूप से लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े महानगरों में रहने वाले व्यक्ति की वार्षिक आय की उत्तर प्रदेश के एक दूरस्थ गांव में रहने वाले लोगों के साथ तुलना नहीं की जा सकती है. भले ही उनकी आय एक समान क्यों न हो. शीर्ष अदालत ने यह सवाल नील ऑरेलियो नून्स और अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उठाए. इनमें देशभर के मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में इस शैक्षणिक सत्र से अखिल भारतीय कोटा में OBC और EWS कोटा लागू करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 29 जुलाई को जारी की गई अधिसूचना को चुनौती दी गई है.