13 सितंबर से सुनवाई करेगी संविधान पीठ
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण (EWS) की संवैधानिक वैधता और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) के रूप में दिए गए आरक्षण की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामलों में 13 और 14 सितंबर को सुनवाई शुरू करेगी। चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस जेबी पारदीवाला की 5 जजों की पीठ ने मंगलवार को इन मामलों को अगले मंगलवार यानी 6 सितंबर की सुनवाई और पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया है।
क्या है मामला
पीठ ने कहा कि मामलों की सुनवाई 13 और 14 सितंबर से शुरू होगी। मुस्लिम एसईबीसी आरक्षण से संबंधित मामला 2005 की दीवानी अपील है, जो यह मुद्दा उठाता है कि क्या संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत मुसलमानों को एक समुदाय के रूप में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित किया जा सकता है। दूसरा मामला संविधान 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता से संबंधित है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) (डब्ल्यूपी (सी) संख्या 55/2019) के लिए आरक्षण का प्रावधान पेश किया।
इन मामलों को लेने के लिए सहमत हुई पीठ
पीठ इन मामलों को लेने के लिए सहमत हुई हैं। बेंच पहले ईडब्ल्यूएस मामले को उठाएगी, उसके बाद मुस्लिम एसईबीसी आरक्षण मसले पर सुनवाई करेगी। पीठ ने चारों वकीलों शादान फरासत, नचिकेता जोशी, महफूज नाजकी और कानू अग्रवाल को नोडल वकील नियुक्त किया है।