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Russia Ukraine Conflict: अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन ने पुतिन को ललकारा,


नई दिल्‍ली, ।रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को करीब पांच सप्‍ताह से अधिक का समय हो चुका है। दोनों देश पीछे हटने को राजी नहीं है। दोनों देशों के युद्ध के बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने रूस को खबरदार किया है। उन्‍होंने कहा है कि रूस नाटो की सीमा में एक इंच घुसने की नहीं सोचे वरना इसके पर‍िणाम अच्‍छे नहीं होंगे। युद्ध या तीसरे विश्‍व युद्ध का नाम लिए बगैर बाइडन ने पुतिन को ललकारा है। यह पहली बार है जब बाइडन ने रूस के खिलाफ सख्‍त चेतावनी दी है। खास बात यह है कि नाटो संगठन की बैठक के बाद बाइडन का यह बयान सामने आया है। यूक्रेन संघर्ष के दौरान यह रूस के लिए एक गाइडलाइन है। बाइडन ने साफ कर दिया है कि रूसी सेना को यूक्रेन तक ही सीमित रहना होगा। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि नाटो एकजुट है। उसे तोड़ा नहीं जा सकता है। आखिर बाइडन के तेवर अचानक क्‍यों सख्‍त हुए? इसके पीछे बड़ी वजह क्‍या है? क्‍या रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन पर बाइडन के इस चेतावनी का असर होगा?

वैदेशिक मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि नाटो सदस्‍य देशों की बैठक के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन का यह बयान काफी अहम है। नाटो सदस्‍य देशों की चिंता को दूर करने के लिए बाइडन का यह बयान जारी किया है। रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के आक्रामक तेवर ने यूक्रेन से सटे राष्‍ट्रों में एक हलचल पैदा कर दी है। वह कहीं न कहीं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। चूंकि अमेरिका नाटो संगठन का एक प्रमुख देश है। ऐसे में बाइडन का यह बयान लाजमी है। उन्‍होंने यह बयान देकर जहां पुतिन को सावधान किया है वहीं इसका असर नाटो के सदस्‍य देशों के लिए भी विश्‍वास दिलाने वाला होगा।

2- उन्‍होंने कहा कि पुतिन यूक्रेन को लेकर आरपार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं। इसलिए पुतिन कह चुके हैं कि इस युद्ध में जो शामिल होगा उसको रूसी मिसाइलों का सामना करना होगा। उनका इशारा साफ था कि यह जंग यूक्रेन और रूस के बीच है। इसमें नाटो और अमेरिका को बीच में पड़ने की जरूरत नहीं है। इसी को आधार मानकर अमेरिका ने भी चीन को चेतावनी दी थी अगर उसने रूस का सहयोग किया तो उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। बाइडन की इस चेतावनी को पुतिन के चेतावनी से जोड़कर देखा गया था। लेकिन रूस ने यूक्रेन के साथ जंग में जब परमाणु विंग को अलर्ट पर किया तो नाटो की चिंता बढ़ गई। नाटो सदस्‍य देश जानते हैं कि अगर रूस ने यूक्रेन पर परमाणु युद्ध शुरू किया तो इसकी आंच उन तक जरूर पहुंचेंगी।