कानपुर, । भोपालपुरवा से भगवानदीपुरवा जाने वाले रास्ते पर लबालब पानी भरा दिखा। नाव से जैसै-जैसे आगे बढ़े तो कमर तक पानी में सिर पर जिम्मेदारियों का बोझ लाते लोग सुरक्षित स्थान बैराज पर ठिकाना बनाने के लिए गांव से निकलते दिखे। कोई सिलिंडर सिर पर लादे था तो कोई महिला पोटली में दाल, चावल, आटा लिए कमर तक पानी में चलते चली जा रहीं थीं।
इसी दौरान एडीएम वित्त राजेश कुमार और तहसीलदार नाव से गांव में जाते हुए दिखे तो इनकी आंखों में मदद और फसल के नुकसान के मुआवजे की उम्मीद तैरती दिखी। कुछ लोग बोल पड़े साहब, फसलों के नुकसान का मुआवजा कैसे मिलेगा। आश्वासन मिला तो फिर इन लोगों के कदम छपाछप-छपाछप करते हुए आगे बढ़ने लगे। करीब दो किमी का रास्ता तय हो चुका था।
सामने से रामबती बोरी में भरा भूसा और राम अवतार सिर पर सिलेंडर रखकर चलते दिखे। चिंता नाम की महिला आटा, दाल, चावल भरे थैले संभाले थी। पूछने पर यह लोग बोले, भैया अपने पेट के साथ जानवरों का पेट भी तो भरना है। कुछ लोग साइकिल पर सामान लादे चल रहे थे। एक साइकिल को एक लड़का पैदल चला रहा था तो दूसरा पीछे से धक्का दे रहा था। तब साइकिल पानी में आगे बढ़ पा रही थी।
भगवानदीनपुरा से करीब एक किमी पहले घुटनों के नीचे तक पानी भरी सड़क पर नाव नहीं चल सकती थी। इसलिए यहां से पैदल चलना शुरू किया। पीछे की तरफ नजर गई तो देखा एडीएम वित्त राजेश सिंह, तहसीलदार और एडीएम के गनर ने प्रभावित गांव वालों को देने के लिए लाए गए त्रिपाल खुद नाव से उठा लिए और नंगे पैर गांव की तरफ चले आ रहे थे। दोपहर 12:54 बजे गांव पहुंचे। यह गांव चारों तरफ पानी से घिरा था। संतोष, अशोक, पप्पू, रामदीन के घर तक पानी पहुंच चुका था। हैंडपंप तक पानी में डूबे थे।
गांव में मुश्किलों भरा सफर तय कर पहुंचे इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के चेयरमैन डा. उमेश पालीवाल, वाइस चेयरमैन पूजा अवस्थी, सचिव आरके सफ्फड़ अफसरों के साथ प्रभावित लोगों को त्रिपाल बांट रहे थे। लौटते में दोपहर 1:25 बजे ट्रीटमेंट प्लाट के पास एक वृद्धा तीन बच्चों के साथ कमर तक पानी में चलते हुए जानवरों का चारा लेकर बैराज जा रही थी। दोपहर दो बजे बैराज वाली सड़क पर दोनों तरफ पालीथीन के टेंट में लोगों की गृहस्थी सिमटी दिखी। टेंट के पास ही जानवर बंधे थे। टेंट में एक ही चारपाई कई बच्चे असहज स्थिति में लेटे थे। कुछ महिलाएं खाना पका रहीं थीं।
मैने खुद सदर तहसीलदार के साथ नाव से गांव पहुंचकर भगवानदीनपुरवा पहुंचकर लोगों की दिक्कतें समझी हैं। अभी घरों में पानी नहीं पहुंचा है। पानी उतरने के बाद फसलों के नुकसान का सर्वे कर ग्रामीणों की आर्थिक मदद की जाएगी। चैनपुरवा और भगवादीनपुरवा सबसे ज्यादा प्रभावित गांव हैं। धारमखेड़ा, भोपालपुरवा, बड़ा रामपुर और बनियापुरवा आंशिक प्रभावित है। ग्रामीणों की हर संभव मदद की जा रही है। राजस्व कर्मियों की टीमें हर स्थिति पर नजर रखे हैं।
राजेश कुमार, एडीएम वित्त