नयी दिल्ली(आससे)। केंद्र सरकार ने डाक विभाग के किसी कर्मचारी की अगर कोरोना की वजह से मौत होने पर उसके परिजनों को 10 लाख रुपये देने का फैसला लिया है। यह दिशा निर्देश जल्द प्रभावी हो जायेंगे तथा कोविड-19 के संकट की समाप्ति तक पूरी अवधि के लिए लागू रहेंगे। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि डाक विभाग अनिवार्य सेवाओं के तहत आता है। ग्रामीण डाक सेवक सहित डाक कर्मचारी ग्राहकों को मेल डिलीवरी, डाक घर बचत बैंक, डाक जीवन बीमा देने, एईपीएस सुविधा के तहत किसी भी बैंक और किसी भी शाखा से ग्राहकों के दरवाजे तक धन की निकासी को सरल बनाने के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, डाक घर स्थानीय राज्य प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क कर देश भर में कोविड-19 किट, फूड पैकेट, राशन एवं अनिवार्य दवाओं आदि की प्रदायगी भी कर रहे हें। इस प्रकार, डाक घर विभागीय कर्तव्यों के साथ साथ कोविड-19 के संकट के समय सामाजिक प्रयोजन की भी सेवा कर रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में, फैसला किया गया है कि ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) सहित सभी डाक कर्मचारियों को कर्तव्य निवर्हन के दौरान बीमारी का शिकार हो जाने पर 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जायेगा। ये दिशानिर्देश जल्द प्रभावी हो जाएंगे और कोविड-19 के संकट की समाप्ति तक पूरी अवधि तक के लिए लागू रहेंगे।