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GNCTD बिल पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘लोकतांत्रिक संस्थानों को खत्म करने की साजिश,


राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2021 को लेकर कहा कि वे सदन में इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे. TV9 भारतवर्ष से बातचीत में खड़गे ने कहा कि यह लोकतांत्रिक संस्थानों को खत्म करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि जो बदलाव (विधेयक के जरिए) सरकार लाने जा रही है, वह एक चुनी हुई सरकार के अधिकारों को छीनकर उपराज्यपाल को देना चाहती है. अगर सारे कार्यकारी शक्ति एक नोमिनेटेड उपराज्यपाल के पास गई, तो फिर सरकार किस काम की होगी.

दिल्ली जीएनसीटी विधेयक, 2021 लोकसभा में पारित किया जा चुका है और मंगलवार को इसे राज्यसभा में पेश किया गया था. आज राज्यसभा में इस विधेयक को विचार करने और इसे पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम विकेंद्रीकरण की बात करते हैं. संघात्मक व्यवस्था में राज्यों को ज्यादा से ज्यादा अधिकारों को देना है. ये सभी लोग भाषण देते हैं. लेकिन जब देने का वक्त आता है तो वे इसे देने के बजाय छीन लेते हैं.”

उन्होंने कहा कि इसलिए इसके खिलाफ लड़ाई जरूरी है क्योंकि यह अलोकतांत्रिक विधेयक है और साथ ही जनविरोधी और असंवैधानिक भी है. खड़गे ने कहा, “इसका हम पुरजोर विरोध करेंगे और एक होकर लड़ेंगे.” इसके अलावा बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को भी सदन में उठाएंगे. इस विधेयक के अनुसार, दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ”सरकार” का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के ”उपराज्यपाल” से होगा.

टीएमसी ने भी बिल का किया विरोध

इससे पहले लोकसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बीच दिल्ली जीएनसीटी संशोधन विधेयक, 2021 पारित हो गया. तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने संबंधी विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोकने के लिए उनकी पार्टी के सदस्य राष्ट्रीय राजधानी रवाना हो गए हैं.

डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ”दो दिन में पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. इसके बावजूद तृणमूल कांग्रेस के सदस्य जीएनसीटी विधेयक को रोकने के लिए दिल्ली गए हैं. इस विधेयक में दिल्ली की चुनी हुई सरकार से ताकत छीनने का प्रावधान है. यह विधेयक लोकतंत्र, संविधान और संसद के सीने पर एक और वार है. अब तक का सबसे खराब विधेयक…” इससे पहले डेरेक ओ ब्रायन ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर विधेयक पर चर्चा और पारित करने की प्रक्रिया स्थगित करने का अनुरोध किया था.