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Gujarat के मोरबी में मच्छु नदी पर बना झूलता पुल गिरा, 30 की मौत की खबर,


अहमदाबाद, । गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज टूट गया जिससे अब तक तीस लोगों की मौत की खबर है। हादसे के समय पुल पर 300 से अधिक लोग सवार थे। करीब दो सौ साल पुराना यह पुल रियासत काल में बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से जानकारी मांगी व हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार आर्थिक मदद देने की घोषणा की। 

पुल पर 300 के करीब लोग  थे मौजूद

मोरबी में करीब 500 साल पहले रियासत काल में बनाया गया झूलता पुल रविवार शाम अचानक टूट गया। पुल पर 300 के करीब लोग मौजूद थे जो सभी मच्छू नदी में जा गिरे। पुल के साथ नदी में गिरे लोग तैरते व पुल के केबल के जरिए ऊपर चढते नजर आए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट कर बताया कि वे प्रशासन के साथ संपर्क में हैं तथा पीडितों की सभी तरह की मदद करने के लिए फायर, स्वास्थ्य विभाग की टीमें भेजी गई हैं। पुल पर तीन सौ से अधिक लोग होने की बात कही जा रही है। पुल के साथ नीचे गिरकर बेहोश हुए लोगों की संख्या काफी बताई जा रही है तथा इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ सकती है। अपुष्ट सूत्र अब तक 30 लोगों के मरने की पुष्टी कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में हुई दुर्घटना के बारे में गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की। उन्होंने इस हादसे में बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल लगाने को भी कहा। पीएम मोदी ने इस हादसे की स्थिति की बारीकी से निगरानी करने को कहा। उन्होंने प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने के लिए भी कहा है।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताया दुख

हादसे पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट करके कहा है कि मोरबी में ब्रिज गिरने के हादसे का मुझे गहरा दुख हुआ है। राहत और बचाव कार्य जारी है। घायलों के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। मैं जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।

मच्छु बांध हादसा

38 साल पहले गुजरात में एक बांध हादसा हुआ था जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक हजार लोग मारे गये थे। विपक्ष के मुताबिक25 हजार लोग मरे थे। 11 अगस्त 1979 को दोपहर करीब सवा तीन बजे मच्छू डैम टूट गयाथा, इसके चलते 15 मिनट में ही पूरा शहर पानी में डूब गया था। दो घंटे के अंदर मकान और इमारतें ढहने लगीं। और देखते ही देखते हजारों पशु व लोग काल कवलित हो गये थे।