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Health Budget : मोदी सरकार ने रखा एनीमिया को 2047 तक देश से मुक्त करने का लक्ष्य, जानें कितना है यह घातक


नई दिल्ली, । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट (budget2022) पेश किया। बजट में देश के हेल्थ डिपार्टमेंट में भी काफी कुछ नया करने की कोशिश की गयी है। बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणा करते हुए साल 2047 तक देश को एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। वित्तमंत्री ने कहा कि इसके अलावा मुख्य स्थानों पर 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।

आपको बता दें कि एनीमिया, भारत में वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्या कारक स्थिति रही है, महिलाओं में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 15-49 आयु वर्ग वालों में देश की 57 प्रतिशत महिलाओं और 25 प्रतिशत पुरुषों को एनीमिया है। 15 साल से कम आयु की 46 फीसदी लड़कियां एनीमिया की शिकार हैं। आइए इस समस्या के बारे में समझते हैं और जानते हैं कि 2047 तक देश को एनीमिया मुक्त करने के लक्ष्य में क्या-क्या चुनौतियां हो सकती हैं?

क्या होती है एनीमिया बीमारी

एनीमिया का मतलब है हीमोग्लोबिन में कमी होना। थकान, ध्यान लगाने में परेशानी होना, सुस्ती बनी रहना आदि इसके लक्षण हैं। विभिन्न आयु वर्गों में इसकी स्थिति भी भिन्न-भिन्न है। कम आयु वर्ग में इसके मामले ज्यादा होते हैं। जब किसी देश की इतनी बड़ी युवा आबादी इस बीमारी से ग्रसित है तो स्वभाविक ही चिंता होने लगती है।

एनीमिया के बारे में जानिए

सरल भाषा में समझें तो एनीमिया शरीर में खून की कमी को संदर्भित करती है। एनीमिया में आपके शरीर के ऊतकों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। एनीमिया को हीमोग्लोबिन की कमी के रूप में भी जाना जाता है। आहार में पर्याप्त आयरन और विटामिन डी की कमी को इसका प्रमुख कारण माना जाता रहा है।

क्यों होती है एनीमिया?

आहार में आयरन, विटामिन बी-12, फोलेट और कॉपर वाली चीजों की कमी एनीमिया के खतरे को बढ़ा देती है। इसके अलावा कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याएं जैसे आंतों की बीमारी वाले लोगों में भी इसका जोखिम अधिक होता है। आंतों की बीमारी जैसे क्रोहन डिजीज और सीलिएक डिजीज जैसी स्थितियों में शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित हो जाता है, यह आपमें एनीमिया के खतरे को बढ़ा देती है।

इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान उनमें खून की कमी होने और इसके अनुपात में पोषक तत्वों का सेवन न करने के कारण महिलाओं में इसका जोखिम अधिक रहता है।

शरीर में खून की कमी के कारण होती है एनीमिया

एनिमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में लाल रक्त कणिकाओं के नष्ट होने की दर उनके निर्माण की दर से अधिक होती है। नतीजतन शरीर में खून की कमी होती है। पुरुषों में एनीमिया थकान, सुस्ती का कारण बनता है। ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। पुरुषों में हीमोग्लोबिन का स्तर 13.5 और महिलाओं में 12 से कम होने पर शरीर में रक्त की कमी की स्थिति मानी जाती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अनियमित दिनचर्या और खाने में पौष्टिक आहार कम लेना इस बीमारी से ग्रसित होने का सबसे बड़ा कारण है।