नई दिल्ली, । होली के त्योहार पर अगर आप घर जाने की योजना बना रहे हैं और ट्रेन की कंफर्म टिकट मिलने में मुश्किलों का सामना कर पड़ रहा है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप आसानी से अपने घर जाने को लिए विकल्प योजना के माध्यम से कंफर्म टिकट ले सकते हैं।
बता दें, रेलवे ने त्योहारों पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए कुछ सालों पहले अल्टरनेट ट्रेन एकोमोडेशन स्कीम (ATAS) स्कीम को लॉन्च किया था, जिसे विकल्प (VIKALP) नाम दिया है। विकल्प के जरिए रेलवे यात्रियों को अधिक से अधिक कंफर्म टिकट देने की कोशिश करता है।
कैसे काम करता है VIKALP?
रेलवे का टिकट बुक अगर आपको कंफर्म टिकट नहीं मिलता है, तो आपको विकल्प का ऑप्शन आता है, जिस पर आपको यस पर क्लिक करना होता है। इसके बाद विकल्प का कार्य शुरू होता है। जैसे ही आपकी ट्रेन का अंतिम चार्ट बनता है। आपको पंजीकृत मोबाइल पर एक एसएमएस आता है, उसमें दिए नंबर पर कॉल करने पर आपको उसी रूट की किसी अन्य ट्रेन में कंफर्म टिकट दे दी जाती है। खास बात यह है कि इसके लिए आपको कोई भी अतिरिक्त राशि का भुगतान भी नहीं करना होता है।
रेलवे ने क्यों शुरू किया VIKALP?
त्योहारों के समय पर अक्सर ऐसा देखा जाता है। कुछ ट्रेनों में भीड़ काफी अधिक हो जाती हैं और कुछ ट्रेनें खाली रह जाती हैं। ऐसे में रेलवे का विकल्प सिस्टम इसमें बैलेंस बनाने की कोशिश करता है। ट्रेन के रवाना होने से पहले तैयार अंतिम चार्ट तैयार होने के बाद अगर यात्री को कंफर्म टिकट नहीं मिलती है। उसे रेलवे की ओर से मैसेज जाता है। इसके बाद टोल फ्री नंबर पर कॉल करना होगा। इसमें यात्री को दूसरी ट्रेनों में खाली सीटों के बारे में जानकारी दी जाएगी और यात्री की सहमति के बाद दूसरी ट्रेन में आरक्षण दे दिया जाएगा।
लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए सुविधा
विकल्प का चयन आप 30 मिनट से लेकर 72 घंटे तक की रेल यात्रा में कर सकते हैं। विकल्प का मतलब यह नहीं है कि आपको 100 प्रतिशत कंफर्म टिकट मिल जाएगी। ये ट्रेनों में टिकटों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।