कोलकाता। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी-20 मैच में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने एक साथ कई प्रयोग किए। अपने बेंच स्ट्रेंथ को आजमाना जरूरी भी था। श्रेयस के फार्म में होते दूसरे अय्यर को मौका दिया गया। अनुभवी कुलदीप यादव के रहते नए नवेले रवि बिश्नोई को आजमाया गया। इशान किशन को फिर से पारी शुरू करने भेजा गया। पहले मैच में ये सारे प्रयोग कारगर साबित हुए और भारत ने आसानी से मैच जीत लिया। अब एक दिन के अंतराल में दूसरा मैच है। सब यही सोच रहे हैं कि दूसरे मैच को लेकर राहुल-रोहित की रणनीति क्या होगी? अंतिम एकादश क्या होगा? कोच-कप्तान पहला मैच जिताने वाले एकादश के साथ बढ़ेंगे या नए खिलाड़ियों को मौका देने के लिए टीम में बदलाव करेंगे?
राहुल-रोहित भली-भांति समझ रहे हैं कि अगले टी-20 विश्वकप में ज्यादा समय नहीं है इसलिए सही टीम संयोजन पाने के लिए लगातार प्रयोग करते रहना होगा, लेकिन उन्हें इस बात का भी आभास होगा कि इसमें संतुलन जरुरी है। ज्यादा प्रयोग से जीत की लय न बिगड़े इसलिए वे ताबड़तोड़ प्रयोग करने के पक्ष में नहीं होंगे क्योंकि सीरीज फतह करनी अभी बाकी है। ऐसे में दूसरे टी-20 मैच में बहुत ज्यादा बदलाव की गुंजाइश कम ही दिख रही। बल्लेबाजी विभाग में तो इस वक्त इसकी जरुरत भी महसूस नहीं की जा रही। गेंदबाजी में प्रयोग देखने को मिल सकता है, खासकर तेज गेंदबाजी में।