माले। भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तनाव बना हुआ है। ऐसे में माले ने नई दिल्ली को एक और झटका देते हुए मालदीव हाइड्रोग्राफिक सर्वे को समाप्त करने का मन बनाया है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि मालदीव हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते को रिन्यू नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने क्या कुछ कहा
राष्ट्रपति मुइज्जू ने एलान किया कि भारत के साथ मालदीव हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते को रिन्यू नहीं किया जाएगा और इस अभ्यास के लिए आवश्यक सुविधाओं और मशीनों को हासिल करने की योजना नहीं बना रहा है। उन्होंने कहा,
देश मालदीव के जल क्षेत्र के 24×7 निगरानी प्रणाली स्थापित करने के लिए इस माह काम कर रहा है ताकि विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
पिछले साल चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद से भारत-मालदीव संबंधों को झटका लगा है। नवंबर 2023 में शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही मुइज्जू ने मालदीव की संप्रभुता सुनिश्चित करने की कसम खाई और पहला कदम उठाते हुए भारत से अपने सभी सैनिकों को वापस लेने की मांग करने लगा।
मुइज्जू ने यह एलान एक चीनी रिसर्च जहाज ‘जियांग यांग होंग 03’ माले के आसपास तकरीबन एक सप्ताह का वक्त गुजारने के कुछ दिनों बाद किया। मुइज्जू ने सोमवार को जिन द्वीपों का दौरा किया था उनमें से एक पर एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मालदीव का रक्षा मंत्रालय स्वयं ही हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए जरूरी सुविधाएं हासिल करने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
पूर्ववर्ती सरकार ने किया था भारत से समझौता
तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व में प्रशासन ने मालदीव के पानी के नीचे की विशेषताओं का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण कराने के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौत पर दस्तखत किए थे, लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति ने इस समझौते को रिन्यू करने से इनकार करते हुए कहा कि हम अपने पानी के भीतर की विशेषताओं के बारे में खुद ही सभी जानकारियां हासिल करेंगे और चार्ट तैयार करेंगे।