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Indias Services PMI: सर्विस सेक्टर के लिए शुभ रहा अगस्त का महीना,


नई दिल्ली, बढ़ती मांग और लागत में कमी के बीच अगस्त में भारत के सेवा क्षेत्र (Indian Services Sector) ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (S&P Global India Services PMI) या सर्विसेज पीएमआई इंडेक्स (Services PMI) जुलाई में चार महीने के निचले स्तर 55.5 से बढ़कर अगस्त में 57.2 हो गया। यह रॉयटर्स द्वारा लगाए गए अनुमान (55.0) को पार कर गया है।

यह लगातार 13वां महीना है, जब पीएमआई (Purchasing Managers Index- PMI) 50 अंक से ऊपर रहा। एसएंडपी के सर्वे से पता चला है कि नए कारोबार लगाने में तेजी के कारण कंपनियों ने बड़ी संख्या में नौकरियां दी हैं और यह पिछले 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

सर्विस सेक्टर की लंबी छलांग

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एसोसिएट डायरेक्टर पोलीन्ना डी लीमा ने कहा कि कोविड-19 प्रतिबंधों के खत्म होने और कारोबार बढ़ाने की लगातार कोशिशों के कारण नए कारोबारियों को जमकर लाभ हुआ। इससे विकास में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही के मध्य में भारतीय सेवा क्षेत्र में जोरदार वृद्धि हुई है। इस तेजी के साथ इसने जुलाई में खोई हुई जमीन को कुछ हद तक हासिल कर लिया। हालांकि मुद्रास्फीति की दर मोटे तौर पर जुलाई के समान थी, लेकिन इस दौरान इनपुट लागत काफी कम रही। निवेशकों का भरोसा काफी हद तक मजबूत हुआ और रोजगार 14 वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ा। अगस्त में वित्त और बीमा, सर्विस इकोनॉमी के सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र थे। इनमें बिक्री और उत्पादन, दोनों में अच्छी बढ़ोतरी हुई।

 

आगे की चुनौतियों पर नजर

सेवाओं और विनिर्माण गतिविधियों के तेजी से बढ़ने के कारण अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था एक वर्ष में अपनी सबसे तेज गति से बढ़ी है। लेकिन कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आने वाली तिमाहियों में यह गति धीमी हो सकती है। लगातर बढ़ता हुआ ब्याज, ऊंची मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी के बारे में बढ़ती चिंताएं अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर रही हैं। हालांकि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति की दर धीमी होने की उम्मीद है, लेकिन इसके भारतीय रिजर्व बैंक की 2% से 6% बैंड लिमिट के भीतर आने की गुंजाइश बहुत कम है। इसका मतलब यह है कि आरबीआई द्वारा दरों में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है। बता दें कि मई के बाद से आरबीआई रेपो दर में 140 आधार अंकों की वृद्धि कर चुका है।

सेवाओं की गतिविधि में तेजी और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि ने अगस्त में समग्र सूचकांक को जुलाई में 56.6 से बढ़ाकर 58.2 कर दिया। एसएंडपी के सर्वे से यह भी पता चला है कि सर्विस सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों को आने वाले 12 महीनों में उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है।