तेहरान। ईरान में शनिवार को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने वाले एक एजेंट को फांसी की सजा दे दी। इस बात की जानकारी ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने दी है।
शख्स को दी गई फांसी
रिपोर्ट में कहा गया है कि जासूस मोसाद सहित विदेशी खुफिया सेवाओं से जुड़ा था और उस पर कई खुफिया जानकारी साझा करने का आरोप लगा था। न्यायपालिका ने उस व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान की राजधानी जाहेदान की जेल में फांसी दे दी। हालांकि, रिपोर्ट में उस व्यक्ति की पहचान नहीं दी गई है।
एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं ईरान और इजरायल
अप्रैल 2022 में, ईरानी खुफिया अधिकारियों ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके बारे में उनका कहना था कि वे मोसाद से जुड़े हुए थे। इस बात की जानकारी भी सामने नहीं आई है कि जिन्हें फांसी दी गई है, वह उन्हीं तीनों में से कोई एक है या कोई अन्य व्यक्ति है। ईरान और इजरायल ने बीते कई सालों से एक-दूसरे पर जासूसी करने का आरोप लगाया है।
इजरायल के लिए सबसे बड़ा खतरा है ईरान
इजरायल ने हमेशा से ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा माना है और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए बार-बार सैन्य कार्रवाई करने की धमकी देता रहा है। ईरान इस बात से इनकार करता है कि वह ऐसे हथियारों की मांग कर रहा है और उसने किसी भी आक्रामकता का कठोर जवाब देने की कसम खाई है।
ईरान समय-समय पर उन लोगों को हिरासत में लेने की घोषणा करता है, जिनके बारे में उसका कहना है कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल सहित विदेशी देशों के लिए जासूसी कर रहे हैं।
इजरायली विरोधी सशस्त्र समूहों का किया समर्थन
2020 में, ईरान ने एक प्रमुख इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल के बारे में अमेरिका और इजरायल को जानकारी लीक करने के दोषी एक व्यक्ति को फांसी दे दी, जो बाद में इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। ईरान ने इजरायल को मान्यता नहीं दी है और साथ ही हिज्बुल्लाह और हमास सहित पूरे क्षेत्र में इजरायली विरोधी सशस्त्र समूहों का समर्थन करता है।