नहीं दी अभी किसी ने भी कोई जानकारी
इजरायल या हमास में से किसी ने अभी इस नेटवर्क को हुए नुकसान के बारे में जानकारी नहीं दी है, लेकिन इजरायल नेशनल न्यूज के मुताबिक IDF ने टनल लड़ाकों के ऊपर ही ढहा दिया, जिससे बड़ी संख्या में हमास सदस्यों के दबे होने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक ये टनल हमास के लिए बेहद अहम हथियार रहे हैं. 2014 में इजरायल के साथ जंग के बाद से लड़ाके इन्हें हथियार लाने-ले जाने, इजरायल में दाखिल होने, सैनिकों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं. पहला टनल 2007 में ग़ज़ा पट्टी और मिस्र के बीच बना था और इसका इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जाता था. इससे पहले भी इस तरह के ढांचों से काम लिया जाता था. बाद में इन्हें इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने लगा.
इन्हीं टनल से होकर हमास ने 2006 में इजरायली सैनिक जिलाद शालित का अपहरण किया था और पांच साल तक बंदी बनाकर रखा था. आज यह नेटवर्क इजरायल तक पहुंचता है. यहां हमास अपने रॉकेट और दूसरे हथियार रखता है, संचार स्थापित करता है, लड़ाकों को छिपाता और हमले भी करता है. इजरायल इन्हें खत्म करने की कोशिश लंबे वक्त से करता रहा लेकिन कामयाबी नहीं मिली. दरअसल, इन्हें जमीन के ऊपर से डिटेक्ट करना मुश्किल है. इनकी छत कॉन्क्रीट से बनी है. इन्हें बनाने में 3-9 करोड़ डॉलर की लागत लगी है. इनका इस्तेमाल हमास के अलावा फिलिस्तीन में इस्लामिक जिहाद मूवमेंट भी करता है.