चेन्नई, । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 को ब्रिटेन स्थित संचार कंपनी वनवेब के 36 उपग्रहों के साथ रविवार को प्रक्षेपित किया गया।
इसी के साथ ही वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई, क्योंकि इसी तरह के रॉकेट का इस्तेमाल मनुष्य को अंतरिक्ष में पहुंचाने के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने रविवार को बताया कि LVM3 रॉकेट में गगनयान मिशन के लिए आवश्यक लॉन्च के समान एस200 मोटर लगी है। इस मोटर को खास तरह से डिजाइन किया गया है, जो गगनयान कॉन्फ़िगरेशन के अनुकूल हैं। हमें खुशी है कि इस रॉकेट ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मिशन कंट्रोल सेंटर में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इसरो प्रमुख ने यह बात कही।
‘LVM3 रॉकेट में किए गए कई सुधार’
इसरो प्रमुख ने कहा कि इस रॉकेट में और सुधार किए जाएंगे ताकि मानव मिशन के लिए इसे अति उपयुक्त बनाया जा सके और प्रणाली को बेहतर किया जा सके। उन्होंने कहा कि मैं गगनयान मिशन की दिशा में भी हो रही प्रगति को देखकर बहुत खुश हूं।
बता दें कि इसरो के 43.5 मीटर लंबे रॉकेट को 24.5 घंटे की उल्टी गिनती के समाप्त होने के बाद चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड से रविवार सुबह 9 बजे प्रक्षेपित किया गया था।
इसी बीच इसरो प्रमुख ने गगनयान मिशन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिशन को 2024 की चौथी तिमाही में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इसरो प्रमुख के साथ ही सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
सोमनाथ ने केंद्र सरकार को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मैं हमारे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और सरकार को लॉन्च व्हीकल को उपलब्ध कराने में हमारा समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं।
उन्होंने कहा कि आज के मिशन को मिली मंजूरी से वैज्ञानिकों का आत्मविश्वास बढ़ा है, क्योंकि MKIII रॉकेट गगनयान मिशन में भी उड़ान भरेगा।