रांची, झारखंड के सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकित 21.94 लाख किशोर-किशोरियों की स्वास्थ्य जांच अभियान चलाकर की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए झारखंड विद्यालय स्वास्थ्य अभियान चलाएगा। विभाग ने रविवार को इसे लेकर संकल्प जारी कर दिया। सोमवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इस अभियान की लांचिंग हो सकती है। झारखंड विद्यालय स्वास्थ्य अभियान के तहत तीन चरणों में किशोर-किशोरियों की स्वास्थ्य जांच होगी।
तीन चरण में छात्रों के सेहत की जांच की बनी योजना
पहले चरण में 30 नवंबर 2022 तक स्कूल स्तर पर स्वास्थ्य दूतों या शिक्षकों के माध्यम से उनकी जांच होगी। इसमें उन विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी जिन्हें चिकित्सकों के माध्यम से जांच जरूरी है। दूसरे चरण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यरत मेडिकल टीम स्कूलों में जाकर चिह्नित बच्चों की जांच करेगी। इसमें उन बच्चों की पहचान की जाएगी जिनकी बीमारी गंभीर है तथा इन्हें अतिरिक्त जांच या इलाज की आवश्यकता है। यह जांच प्रक्रिया अगले साल 31 जनवरी 2023 तक पूरी करनी है। अगले साल एक से 10 फरवरी 2023 तक गंभीर रूप से बीमार चिह्नित बच्चों की सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों या अस्पतालों में रेफर कर उनका समुचित इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा। इस अभियान के लिए शिक्षकों एवं स्वास्थ्य दूतों को प्रशिक्षित किया गया है। जांच के लिए उन्हें किट व पुस्तिका भी उपलब्ध कराई गई है।
80 प्रतिशत विद्यार्थियाें की जांच पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि
80 प्रतिशत विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच करानेवाले स्कूलों के शिक्षकों, स्वास्थ्य दूतों तथा सहकर्मियों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी। यह राशि प्रति स्कूल अधिकतम दो हजार रुपये होगी। इस राशि से ऐसे प्रत्येक स्कूल में प्रधानाध्यापक, दो आरोग्य दूतों तथा स्वास्थ्य जांच में सहयोग करनेवाले सहकर्मी को 500-500 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलेंगे।
राज्य में नहीं होती सरकारी स्कूल के बच्चों की सेहत जांच
स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से नहीं होती। इससे उनमें एनीमिया, टीबी, आंख एवं कान से संबंधित बीमारियां, फ्लोरोसिस, घेंघा रोग आदि बीमारियां होने लगती हैं। समय पर इनकी पहचान होने से उन बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकता है।





