नई दिल्ली, । जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की सब्सिडरी कंपनी एस्टेरिया एयरोस्पेस है, जो भारत में ड्रोन बनाने का काम करती है। इसी एस्टेरिया कंपनी ने अपना एंड-टू-एंड ड्रोन ऑपरेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इस ड्रोन ऑपरेशन प्लेटफॉर्म को स्काईडेक दिया गया है, जो कि एक क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफॉर्म कृषि, सर्वेक्षण, निगरानी, औद्योगिक निरीक्षण व सुरक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए एंड-टू-एंड ड्रोन सॉल्युशन्स मुहैया कराता है।
दरअसल स्काईडेक एक सेंट्रलाइज्ड मैनेजमेंट सिस्टम है जो ड्रोन की फ्लाइट के विभिन्न आयामों और उनसे जुड़े डेटा को दर्ज करता है और विशेष रूप से डेवलेप किए गए एक डेशबोर्ड पर उन्हें प्रदर्शित करता है। ड्रोन डेटा की प्रोसेसिंग, डेटा के विज़ुअलाइज़ेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डेटा के विशलेषण की सुविधा भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इसके अलावा ड्रोन की उड़ानों को शेड्यूल करने से लेकर ड्रोन बेड़े के प्रबंधन का काम भी इस सॉफ्टवेयर से किया जा सकता है।
एस्टेरिया एयरोस्पेस के सह-संस्थापक और निदेशक, नील मेहता ने कहा, “ड्रोन संचालन के लिए नियमों को सरल बनाने और सरकार द्वारा ड्रोन सेक्टर को बढ़ावा देने से इसकी मांग में वृद्धि हुई है। एस्टेरिया पहले से ही भारत में अग्रणी ड्रोन निर्माताओं में से एक है। स्काईडेक के लॉन्च के साथ ही हम हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और संचालन सॉल्युशन्स जैसी तमाम सुविधाएं, एक इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म के जरिए मुहैया करा रहे हैं। स्काईडेक ड्रोन के उपयोग को सरल बनाने, उड़ान संबंधित डेटा दर्ज करने और एकत्रित डिजिटल डेटा को बिजनेस आइडिया में बदलने में मदद करता है। ”
स्काईडेक का एंड टू एंड सॉल्युशन कृषि क्षेत्र के तस्वीर बदलने की ताकत रखता है। इसका उपयोग फसल के लक्षणों को सटीक रूप से मापने, कीड़े, खाद, पानी आदि की निगरानी करने के लिए किया जा सकता है। निर्माण और खनन उद्योगों के लिए, स्काईडेक प्रगति की निगरानी और सटीक इन्वेंट्री रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए साइट सर्वेक्षण करने के लिए ड्रोन-आधारित हवाई डेटा का उपयोग करता है। तेल और गैस, दूरसंचार, और बिजली जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए, स्काईडेक रखरखाव, खतरों की पहचान करने और बदलावों को रिकॉर्ड करने के लिए संपत्तियों का डिजिटलीकरण और निरीक्षण करने के लिए ड्रोन की शक्ति का उपयोग करता है। स्काईडेक विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे स्वमित्वा योजना, स्मार्ट सिटीज, एग्रीस्टैक और अन्य विकास परियोजनाओं में ड्रोन के बेड़े के सफल कार्यान्वयन में भी मदद कर सकता है।