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Joshimath: क्षतिग्रस्त दुपहिया व पैदल मार्गों से बढ़ी मुश्किल


 जोशीमठ: आपदा प्रभावित जोशीमठ शहर को आपस में जोड़ने वाले दुपहिया व पैदल मार्गों के धंसने से शहरवासियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ये वो मार्ग हैं, जिनसे लोग एक-दूसरे वार्ड व मोहल्लों में आवाजाही करते हैं, लेकिन क्षतिग्रस्त होने के कारण अब इनसे गुजरना जोखिमपूर्ण साबित हो रहा है।

उस पर जोशीमठ शहर में निर्माण कार्यों पर रोक लगी होने के कारण इनकी मरम्मत भी संभव नहीं हो पा रही। इसे देखते हुए नगर पालिका परिषद की ओर से प्रशासन को पत्र लिखकर इन क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत करवाने के लिए अनुमति मांगी गई है।

जोशीमठ शहर के अंदर नृसिंह मंदिर मोटर मार्ग बैंड से सिंहधार, शहर से मनोहरबाग वार्ड एवं गांव, गांधी मैदान से ज्योतिर्मठ व डाडो, औली रोड से सुनील वार्ड, मलारी रोड से रविग्राम आदि क्षेत्रों के जाने वाले पैदल मार्ग इस तरह बनाए गए हैं कि उनसे दुपहिया वाहनों की भी आवाजाही हो सके। एक तरह से ये दुपहिया मार्ग शहर की धमनियों का काम करते हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक पैदल मार्ग ऐसे हैं, जिन्हें लोग शार्टकट के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

पालिकाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पंवार का कहना है कि इन मार्गों की मरम्मत बेहद जरूरी है, अन्यथा ये ध्वस्त हो सकते हैं। खासकर मनोहरबाग वार्ड को जोड़ने वाले सीसी दुपहिया मार्ग व पैदल मार्ग को अविलंब दुरुस्त न किया गया तो यह क्षेत्र, शहर से पूरी तरह कट जाएगा। इससे राहत कार्य भी बाधित होंगे। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ शहर में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र को जोड़ने वाले पैदल व दुपहिया मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। लेकिन, यहां निर्माण कार्यों पर रोक लगी हुई है। भूविज्ञानियों की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जा सकेगा।

कर्णप्रयाग के भूधंसाव वाले क्षेत्रों का परीक्षण करेंगे आइआइटी रुड़की के भूविज्ञानी

बदरीनाथ यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव कर्णप्रयाग के भूधंसाव वाले क्षेत्र का फरवरी में आइआइटी रुड़की के भूविज्ञानियों द्वारा भूगर्भीय परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण से पूर्व सिंचाई विभाग क्षेत्र का विस्तार से अध्ययन करने के लिए क्षेत्र का चिह्निकरण करेगा। मशीनों से होने वाली जांच के लिए स्थल तैयार किए जाएंगे।

भूगर्भीय सर्वे से पूर्व कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग और सीएमपी बैंड से आइटीआइ की सीमा तक भूधंसाव वाले क्षेत्र में पांच-पांच मीटर की दूरी पर छोटे गड्ढ़े पांच सौ मीटर के दायरे में बनाए जाएंगे।

भूधंसाव वाले क्षेत्र के उपरी और निचले हिस्से में होने वाली इस भूगर्भीय जांच में विज्ञानी मशीनों से भूमि के भीतर कठोर चट्टान एवं पानी की मौजूदगी सहित अन्य भूगर्भीय हलचलों का बारिकी से अध्ययन करेगें। कर्णप्रयाग के बहुगुणानगर में भूधंसाव की जद में आए 28 भवन चिह्नित किए गए हैं। जिनमें से आठ भवन जर्जर होने पर प्रशासन ने उन्हें रहने लायक नहीं पाया।

बीआरओ व एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ होगी उच्चस्तरीय बैठक

जागरण संवाददाता, देहरादून: जोशीमठ में चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत बदरीनाथ हाइवे को जोड़ने वाले निर्माणाधीन हेलंग-मारवाड़ी बाईपास और तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को लेकर क्षेत्रवासी तरह-तरह की आशंका जता रहे हैं। इसे देखते हुए जोशीमठ को लेकर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने बीआरओ और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के आयोजन की संस्तुति की है।

जोशीमठ शहर पर जनदबाव कम करने के लिए बीआरओ द्वारा लगभग छह किमी लंबे हेलंग बाईपास का निर्माण कर रहा है। यह बाईपास जोशीमठ शहर के ठीक नीचे मारवाड़ी के पास बदरीनाथ हाइवे से जुड़ेगा।

इसके अलावा एनटीपीसी की ओर से धौलीगंगा पर 520 मेगावाट क्षमता की तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की सुरंग भी जोशीमठ शहर के ठीक नीचे से गुजर रही है। यही वजह है कि लोग इन दोनों परियोजनाओं को लेकर सशंकित हैं। हालांकि, जोशीमठ में भूधंसाव बढ़ने के बाद दोनों परियोजनाओं के निर्माण पर अस्थायी रोक लगी हुई है।

चारधाम यात्रा व औली विंटर गेम्स को लेकर उच्चस्तरीय बैठक जल्द

अप्रैल के तीसरे सप्ताह से होने वाली चारधाम यात्रा, विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली में अगले माह प्रस्तावित विंटर गेम्स व औली रोपवे को लेकर सरकार सक्रिय हो गई है। जोशीमठ के संबंध में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इन विषयों पर मंथन हुआ।

साथ ही इस संबंध में पर्यटन विभाग व हितधारकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के आयोजन की संस्तुति की गई। इसमें सभी पहलुओं पर मंथन कर निर्णय लिया जाएगा। इस पहल के पीछे सरकार की मंशा यह संदेश देना भी है कि जोशीमठ का कुछ हिस्सा ही भूधंसाव की गिरफ्त में आया है, पूरा शहर नहीं। साथ ही जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र के उपचार के दृष्टिगत सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

चारधाम यात्रा और औली विंटर गेम्स की प्रस्तावित तिथियों का समय नजदीक आने के साथ ही सरकार तैयारियों में जुटी है। इस बीच चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव जोशीमठ शहर के एक हिस्से में भूधंसाव व भवनों में दरारें पडऩे के मद्देनजर बदरीनाथ यात्रा के प्रभावित होने की आशंका जताई जाने लगी थी। ऐसी ही स्थिति औली विंटर गेम्स को लेकर भी है।

बदरीनाथ व औली को जोडऩे वाली सड़क जोशीमठ से ही होकर गुजरती है। यही नहीं, आपदा के दृष्टिगत जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी बंद है। यद्यपि, सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि चारधाम यात्रा पूरे उत्साह के साथ होगी। साथ ही औली विंटर गेम्स के संबंध में विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। जोशीमठ को लेकर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में भी इन विषयों पर मंथन हुआ। समिति की संस्तुति के अनुरूप जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक होगी।