भवनों में दरारें एक से दो मिलीमीटर तक चौड़ी हुई
आपदाग्रस्त जोशीमठ में भवनों में पड़ी दरारें चौड़ी हो रही हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी इसे स्वीकारा है। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ से लौटने के बाद कहा कि बीते एक-दो दिनों में कुछ जगह भवनों में दरारें एक से दो मिलीमीटर तक चौड़ी हुई हैं।
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के विज्ञानियों की टीम क्रेकोमीटर से दरारों की निगरानी कर रही है। भूधंसाव वाले क्षेत्रों में बोल्डर न खिसकें, इसके लिए उन पर तारजाल लगाए जाएंगे।
प्रभावितों के अस्थायी पुनर्वास के दृष्टिगत सीबीआरआइ को प्री-फैब्रिकेटेड हट का माडल 20 जनवरी तक तैयार करने को कहा गया है। यही नहीं, जेपी कालोनी में फूटी जलधारा में रविवार को पानी के प्रवाह में कमी आने पर तंत्र ने राहत की सांस ली है।
तहसील भवन में भी हल्की दरारें
जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र में जगह-जगह भूधंसाव और भवनों में दरारें पड़ने से लोग भयभीत हैं। अब पुरानी दरारें चौड़ी होने लगी है। अब दरारें शहर के उस हिस्से की तरफ देखी जाने लगी हैं, जिसे सुरक्षित माना जा रहा है।
डाक बंगला इसका उदाहरण है, जिसमें राहत कार्यों में जुटी टीमों के सदस्य रह रहे थे। उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। तहसील भवन में भी हल्की दरारें आई हैं।
ज्योतिर्मठ के भवन में भी दरारें चौड़ी
बदरीनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ स्थित ज्योर्तिमठ के भवन की दीवारों में भी तीन-चार माह पहले दरारें पड़ी थीं। इन्हें सीमेंट से भर दिया गया था, लेकिन अब ये फिर से खुल गई हैं और इनकी चौड़ाई पांच मिलीमीटर तक हो गई हैं।
जांच कर रिपोर्ट देते रहें संस्थान
सचिव आपदा प्रबंधन डा. सिन्हा के अनुसार क्षेत्र में नामी संस्थानों के विज्ञानी जांच कार्य में जुटे हैं। उनसे कहा गया है कि जिन-जिन जगहों पर वे जांच कर रहे हैं, उसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजते रहें, ताकि संबंधित क्षेत्र में इसके अनुरूप कदम उठाए जा सकें।
बोल्डर बढ़ा रहे चिंता
जिन क्षेत्रों में भूधंसाव हो रहा है, वहां बोल्डर चिंता बढ़ा रहे हैं। जमीन खिसकने के कारण इनके लुढकने का अंदेशा बना हुआ है। अब बोल्डरों को बांधे रखने के लिए इन पर तारजाल लगाए जाएंगे।
20 तक प्री-फैब माडल हट
सचिव आपदा प्रबंधन ने जोशीमठ में रविवार को प्रशासन के अधिकारियों व सीबीआरआइ के विज्ञानियों के साथ बैठक की। उन्होंने सीबीआरआइ के विज्ञानियों से कहा कि प्री-फैब्रिकेटेड हट का माडल 20 जनवरी तक अनिवार्य रूप से तैयार करा दिया जाए।
24 घंटे में 73 एलपीएम घटा प्रवाह
जोशीमठ की जेपी कालोनी में फूटी जलधारा में शनिवार को अचानक प्रवाह बढ़ने से चिंता बढ़ गई थी। शनिवार को इसमें पानी का प्रवाह 240 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) था, जो रविवार को घटकर 167 एलपीएम पर आ गया।
पीएमओ के उपसचिव ने किया प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण
प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा रविवार को जोशीमठ पहुंचे और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जोशीमठ शहर के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने औली रोपवे के बेस से लेकर मनोहरबाग वार्ड तक में ध्वस्त किए जा रहे दो होटलों माउंट व्यू व मलारी इन और भूधंसाव प्रभावित कई भवनों का जायजा लिया।