कानपुर,: इत्र कारोबारी पीयूष जैन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। डीजीजीआइ (महानिदेशक जीएसटी इंटेलीजेंस) अहमदाबाद ने उसके आनंदपुरी स्थित आवास से 196 करोड़ रुपये बरामद किए था। इसके साथ ही कन्नौज स्थित फर्म में भी खरीद फरोख्त का रजिस्टर जब्त किया था जिसमें माल का उत्पादन और बिक्री समेत कई जानकारियां थीं। डीजीजीआइ ने बरामद नकद रुपये, रजिस्टर के हिसाब-किताब और पीयूष जैन द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर इन तीनों फर्मों पर अलग-अलग कुल 496 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पाए जाने पर टैक्स लगाया है। पीयूष की ओर से इस पर जवाब देते हुए टैक्स गणना का डिटेल डीजीजीआइ से मांगा गया है।
इन फर्मों से की जीएसटी चोरी
डीजीजीआइ ने इत्र कारोबारी के कन्नौज स्थित फर्म ओडोकैम इंडस्ट्री, फ्लोरा नेचुरल और ओडोसिंथ आइएनसी पर छापा मारा था। पीयूष व्यापार संबंधी खरीद फरोख्त का पूरा डिटेल रजिस्टर पर दर्ज करता था। न तो किसी तरह का कोई पक्का पर्चा बनाता था और न ही उसके पास से पक्के पर्चे बरामद हुए है।
पीयूष ने स्वयं भी माना था कि उसने 54 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है जिसे 196 करोड़ रुपये से काटकर शेष धनराशि दे दी जाए। हालांकि डीजीआइ ने वह पैसा जमा कराकर स्वयं जीएसटी चोरी, उस पर लगने वाले ब्याज और टैक्स की गणना की जिसकी नोटिस पीयूष काे दी गई है।
- ओडोकैम इंडस्ट्री की फर्म से 257,63,18,506 रुपये की जीएसटी चोरी
- ओडोसिंथ आइएनसी फर्म से 161,33,54,252 रुपये जीएसटी चोरी
- फ्लोरा नेचुरल फर्म से हुई 78,88,57,832 रुपये की जीएसटी चोरी
समय से पहले पीयूष ने दी आपत्ति
डीजीजीआइ अहमदाबाद के एडीशनल डायरेक्टर जनरल जाकिर हुसैन ने पीयूष को कार्रवाई शुरू करने से पहले टैक्स अधिरोपण की नोटिस दो दिसंबर 2022 को भेजी थी। डीजीजीआइ ने जवाब के लिए 10 दिनों का समय दिया गया था। पीयूष ने इससे पहले ही सात दिसंबर को अपना जवाब भेज दिया।
पीयूष जैन की तीन फर्मों से 496 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई है। डीजीजीआइ अधिकारियों की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। जिसके बाद पीयूष को कार्रवाई से पूर्व की नोटिस दी गई है। -अंबरीश टंडन, विशेष अभियोजन अधिकारी भारत सरकार