कानपुर, । यह आइपीएल मैच नहीं था, लेकिन रोमांच उससे कम भी नहीं था। जैसे-जैसे समय बीत रहा था, भाजपा के महापौर पद के दावेदारों की धुकधुकी बढ़ रही थी। पार्टी ही नहीं, राजनीति से जुड़े हर व्यक्ति की निगाह सिर्फ इस बात पर थी कि आखिर कौन प्रत्याशी बनेगा। चूंकि सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन था इसलिए यह तो साफ था कि टिकट एक दिन पहले जरूर घोषित हो जाएगा। शाम को आइपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला चल रहा था, लेकिन उसकी जीत-हार से ज्यादा इंतजार टिकट का था।
कई दावेदारों के नाम थे चर्चा में
दावेदारी के दौर में भाजपा से यूं तो पचास से ज्यादा नाम सामने आए थे लेकिन कुछ नाम काफी गंभीर माने जा रहे थे। प्रमिला पांडेय के साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह, क्षेत्रीय महामंत्री पूनम द्विवेदी, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनीता गुप्ता के अलावा गणेश शंकर विद्यार्थी (जीएसवीएम) मेडिकल कालेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. आरती लाल चंदानी, पूर्व कैबिनेट मंत्री बाल चंद मिश्रा की बेटी विजया तिवारी के नाम शुरुआती चर्चा में थे। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी क्षेत्र के संघचालक वीरेन्द्र जीत सिंह की पुत्रवधू व सांसद सत्यदेव पचौरी की पुत्री नीतू सिंह का नाम सामने आया। बताया यहां तक गया कि उन्होंने पार्टी में अपना आवेदन ही तभी किया जब नेतृत्व से उन्हें हरी झंडी दे दी गई। उनका नाम आते ही बाकी तमाम दावेदारों ने अपनी दावेदारी को खुद ही कमजोर मान कर भागदौड़ कम कर दी।
पहले 22 अप्रैल को टिकट घोषणा की कही गई थी बात
पार्टी की तरफ से पहले 22 अप्रैल को टिकट की घोषणा होने की बात कही गई, लेकिन देर रात तक इसे 23 अप्रैल के लिए टाल दिया गया। रविवार को भी दोपहर 12 बजे के बाद हर थोड़ी देर में यह बात हो जाती कि कुछ देर बाद घोषणा होगी। जैसे जैसे समय बढ़ रहा था, उससे यह साफ होने लगा कि नीतू सिंह का टिकट कमजोर पड़ गया है। वहीं रविवार को ही क्षेत्रीय महामंत्री पूनम द्विवेदी ने नामांकन फार्म लेकर यह संकेत दे दिया कि पार्टी ब्राह्मण प्रत्याशी पर दोबारा दांव खेलने की तैयारी में है।
इनका नाम भी आया था सामने
डॉ. आरती लाल चंदानी, विजया तिवारी के नाम भी तेजी से आगे आ गए, इन सबके बीच चुपचाप महापौर प्रमिला पांडेय का नाम भी चल रहा था। रात नौ बजे के करीब यह चर्चाएं आने लगीं कि प्रमिला पांडेय का टिकट फाइनल हो गया। देर रात नवीन मार्केट स्थित पार्टी कार्यालय में भाजपा कानपुर नगर के प्रभारी विजय बहादुर पाठक, चुनाव संयोजक प्रकाश शर्मा, उत्तर जिलाध्यक्ष सुनील बजाज ने उन्हें पार्टी सिंबल भी सौंप दिया।
सजा रण, महत्वपूर्ण होगा मुकाबला
प्रमिला पांडेय के दोबारा मैदान में आने के बाद महापौर पद पर लड़ाई साफ हो गई है। प्रमुख राजनीतिक दलों की बात करें तो तीन ब्राह्मण और एक पिछड़े वर्ग का प्रत्याशी रणक्षेत्र में है। अब मुकाबला रोमांचक होने से सपा और कांग्रेस ने भी फिर से अपनी रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने सबसे पहले अपना प्रत्याशी घोषित कर दिखा दिया था कि शहर में ब्राह्मण मतदाताओं को वह अपनी ओर रखने का प्रयास कर रही है। हालांकि सपा ने विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी वंदना बाजपेई को मैदान में उतार कर यह साफ कर दिया कि पार्टी लोकसभा चुनाव तक की रणनीति पर वह काम कर रही है। अब मैदान में समीकरण बदलने के बाद नई रणनीति अपनाई जा रही हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी आशनी विकास अवस्थी किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र की निवासी हैं जो इस वर्ग का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है। दूसरी ओर सपा प्रत्याशी वंदना बाजपेई नामांकन कर सभी वर्ग और समुदाय को अपने साथ जुड़ने का संदेश देने की तैयारी में लग गई है। भाजपा से नीतू सिंह का नाम आगे बढ़ने के बाद एक बड़ा वर्ग यह सोचने पर मजबूर हो गया था कि वह किस तरफ जाए और इसकी काट प्रमिला पांडेय को फिर से टिकट देकर निकाली गई। वहीं बसपा प्रत्याशी अपने कैडर वोट को और मजबूत करने के प्रयास में हैं ताकि वह कहीं और न छिटके।