कानपुर, नई सड़क पर हुए उपद्रव के बाद मास्टरमांइड हयात जफर और उसके साथियों जावेद, मोहम्मद राहिल और सूफियान को 52 घंटे की कस्टडी रिमांड अवधि पूरी होने पर सोमवार दोपहर भले ही जेल भेजा जा चुका हो लेकिन एसआइटी को दस ऐसी खास बातें पता चली हैं, जिनमें उपद्रव का राज छिपा है। जेल भेजने से पहले एसआइटी और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की टीम ने चारों से 52 घंटे की रिमांड में गहन पूछताछ की है।
52 घंटे का था कस्टडी रिमांड : नई सड़क पर दस दिन पहले जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने को लेकर विवाद के बाद पथराव और बमबाजी हुई थी। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर भी ईंट-पत्थर चलाए थे। पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज करने के साथ 56 आरोपितों की गिरफ्तारी की थी। बीते शनिवार को उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात और उसके तीन साथियों को 52 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिया गया था।
बर्रा थाने में रखे गए आरोपित : कस्टडी रिमांड के बाद आरोपितों को जांच टीम ने बर्रा थाने में रखकर एसआइटी, एटीएस, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) आदि ने बैंक खाते, पापुलर फ्रंट आफ इंडिया से संबंध, उपद्रव और बंदी कराने के पीछे के उद्देश्य, बवाल में शामिल आपराधिक तत्वों समेत कई अहम बिंदुओं पर कई राउंड पूछताछ करके जानकारियां जुटाई हैं।
वापस जेल में कराया दाखिल : सोमवार को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद टीम ने थाने की जनरल डायरी (जीडी) में अपनी आमद कराई थी और उसके बाद रवानगी दर्ज करा चारों आरोपितों को साथ ले गई। मेडिकल परीक्षण कराने के बाद आरोपितों को जेल में दाखिल करा दिया गया था। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि आरोपितों से जो जानकारियां मिली हैं, उनका सत्यापन करा कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।