15 मार्च को हाई कोर्ट ने उडुपी स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कालेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिसमें क्लासरूम में हिजाब पहनने की इजाजत मांगी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि यह आवश्यक धार्मिक गतिविधियों का हिस्सा नहीं है। 5 फरवरी 2022 को राज्य सरकार ने अपने आदेश में वैसे कपड़ों पर रोक लगा दिया था जो समानता, संप्रभुता को खंडित करता है।
लंबी सुनवाई से परेशान था सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि वे अपनी बहस जल्द पूरी करें, क्योंकि अब हमारा धैर्य जवाब दे रहा। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील पेश करने वाले वकीलों में शामिल हौजफा अहमदी से न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि गुरुवार को हम आप सभी को एक घंटे का समय देंगे। उसी में आपको बहस पूरी करनी है। अब सुनवाई बहुत हो गई। हमारा धैर्य जवाब दे रहा है।
कर्नाटक सरकार ने स्कूलों में हिजाब पर बैन को बताया था सही
बुधवार को मामले में 9वें दिन की सुनवाई की गई जिसमें राज्य सरकार के अलावा उन कालेज शिक्षकों ने भी जिरह की जो कालेज में हिजाब के पक्ष में नहीं थे। कर्नाटक सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध को सही ठहराया था। राज्य सरकार ने कहा था कि उसका आदेश किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। राज्य भगवा शाल, हिजाब आदि सबका सम्मान करता है, लेकिन स्कूल में निर्धारित यूनिफार्म है। राज्य सरकार ने कहा कि केवल कक्षा को छोड़कर हिजाब पहनने पर कहीं रोक नहीं है।