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Kushagra Murder Case: चिट्ठी के लिए फाड़ी गई कॉपी का पन्ना मिला, मामा को पकड़कर खूब रोई रचिता..


कानपुर। कुशाग्र की हत्या क्यों गई, यह सवाल उलझने से अब पीड़ित परिवार का सब्र जवाब दे रहा है। अब तक पूरी तरह से पुलिस का साथ दे रहे परिवार में रोष है। उनका कहना है कि बच्चे की हत्या के बाद पुलिस उसके चरित्र की भी हत्या कर रही है। कुशाग्र के आचार्य नगर स्थित आवास पर मंगलवार को जहां भीड़-भाड़ थी, वहीं बुधवार को शांति पसरी हुई थी। तभी कुछ हलचल होती, जब कोई वीआइपी वहां आता।

परिवार भी आज लोगों से मिलने से परहेज कर रहा था। केवल गणमान्य जनप्रतिनिधियों, पुलिस और मीडिया के कुछ लोगों से उन्होंने बात की। कुशाग्र के पिता मनीश कनोडिया और मां सोनिया अब भी बदहवास हैं। बार-बार कुशाग्र का नाम लेकर वह रोने लगते हैं। मां सोनिया कई बार बेहोश हुईं।

 

इस बीच दैनिक जागरण संवाददाता ने कुशाग्र के चाचा संजय कनोडिया से बात की तो उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, सांसद सत्यदेव पचौरी, महापौर प्रमिला पांडेय सहित सभी जनप्रतिनिधियों व पुलिस अधिकारियों से उन्होंने हत्या का उद्देश्य स्पष्ट न होने की वजह से रोष व्यक्त किया है। साजिश के तहत उनके भतीजे के चरित्र का हनन किया जा रहा है।

 

इस पूरे मामले का पर्दाफाश गार्ड और उनके परिवार की कोशिशों से हुआ। पुलिस तो 48 घंटे बाद भी हत्या की वजह नहीं तलाश सकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में आरोपित प्रभात के पिता और बहन को भी आरोपित बनाया जाए क्योंकि यह संभव ही नहीं है कि घर में हत्या हो जाए और घरवालों को पता ही न चले।

गार्ड को सम्मानित करेगी पुलिस

कुशाग्र हत्याकांड के पर्दाफाश में मददगार बने गार्ड राजेंद्र कुमार को कमिश्नरेट पुलिस सम्मानित करेगी। रायपुरवा के श्री भगवती विला अपार्टमेंट में तैनात गार्ड राजेंद्र ने ही फिरौती पत्र देने आए युवक की स्कूटी का नंबर नोट कर लिया था। गार्ड ने यह भी बताया कि स्कूटी का नंबर और रंग कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ाने वाली शिक्षिका रचिता की स्कूटी से मिलता जुलता है।

सूर्यास्त के बाद मुखाग्नि पर जताई नाराजगी

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना बुधवार दोपहर कुशाग्र के स्वजन से मिलने आचार्य नगर स्थित उनके घर पहुंचे। कुशाग्र के स्वजन ने अपनी पीड़ा बताई कि उन्हें बेटे का अंतिम संस्कार सूर्यास्त के बाद करना पड़ा। पूरा दिन गुजर गया तब शाम को पोस्टमार्टम हुआ। घर पर शव को दो मिनट भी नहीं रोकने दिया गया। अपना दर्द बताते-बताते स्वजन बिलख पड़े।

 

विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य चिकित्साधिकारी से बात करने का आश्वासन दिया। स्वजन ने जल्द से जल्द चार्जशीट लगा आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की। स्वजन ने शिकायत की कि हत्यारोपित का पिता होमगार्ड है और वह एक थाने में भी तैनात है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उसे हटवाने का आश्वासन दिया।

पत्र के लिए फाड़ी कापी का मिल गया पन्ना

कुशाग्र हत्याकांड में पुलिस को हत्यारोपितों के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं। पुलिस को वह कापी मिल गई है, जिससे पन्ना फाड़ा गया था और वह पेन भी बरामद हो गया है, जिससे फिरौती पत्र लिखा गया। इनकी बरामदगी को पुलिस प्रभात व रचिका के खिलाफ पुख्ता सुबूत मानकर चल रही है। इससे आरोपितों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।

डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपित प्रभात की गिरफ्तारी के बाद उसकी प्रेमिका रचिता ने ही बताया था कि फिरौती पत्र प्रभात ने लिखा था। इसी आधार पर पुलिस ने बुधवार को प्रभात के घर की तलाशी ली। इस दौरान वह कापी मिल गई, जिससे पन्ना फाड़कर फिरौती वाला पत्र लिखा गया था। दोनों को मिलाकर देखा गया तो फटा हुआ पन्ना कापी में ठीक उसी जगह व्यवस्थित हो गया। डीसीपी ने बताया कि कापी, पेन और फिरौती पत्र को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।

मामा को पकड़कर खूब रोई रचिता

कुशाग्र हत्याकांड के तीनों आरोपित रचिता, प्रभात और शिवा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में इस वक्त जेल में हैं। जेल में पहली रात तीनों ने जागकर काटी। सुबह होने पर रचिता के मामा और शिवा के वकील ने उनसे जेल जाकर मुलाकात की। वहीं, बेटे की कारगुजारी से आहत प्रभात के परिवार ने फिलहाल उससे दूरी बना ली है।

 

जेल सूत्रों के मुताबिक रचिता के मामा मनीष बाली ने जेल में उससे मुलाकात की। हालांकि, जेल रिकार्ड में उन्होंने खुद को उसका चाचा बताया है। मामा से मिलते ही रचिता उनसे लिपटकर खूब रोई और वास्ता देती रही कि हत्याकांड से उसका कोई लेनादेना नहीं है। जो कुछ किया, वह प्रभात ने किया। उसे तो जानकारी ही नहीं थी। पुलिस तक मामला पहुंचने के बाद उसे इसकी जानकारी मिली कि कुशाग्र की हत्या कर दी गई है।

हत्यारोपित प्रभात से परिवार ने किया किनारा

कुशाग्र कनौडिया के घर तक 30 लाख रुपये की फिरौती का पत्र पहुंचाने वाले शिवा गुप्ता के वकील ने जेल में उससे मुलाकात कर केस से संबंधित जानकारी ली। हालांकि कोई पारिवारिक सदस्य उससे मिलने नहीं पहुंचा। मगर, वकील के जाने से साफ है कि परिवारीजन उसे लेकर चिंतित हैं। हत्याकांड के सबसे बड़े साजिशकर्ता और हत्यारोपित प्रभात शुक्ला से मिलने कोई नहीं गया। उसके परिवार ने चुप्पी साध ली है। बुधवार को उसके मकान में ताला पड़ा रहा।

समाज पर भारी पड़ रही परवरिश में अनदेखी

कुशाग्र हत्याकांड के मुख्य हत्यारोपित प्रभात शुक्ला की मां का निधन हो चुका है। परिवार से अलग वह घर के बाहर बनी कोठरी में ही गुजर बसर कर रहा था। यही कोठरी उसके लिए लिए अय्यासी का अड्डा बनी हुई थी। बीएससी के बाद वह सट्टेबाजी में लिप्त हो गया।

होमगार्ड पिता सुनील कुमार शुक्ला भी बेटे को कानून के रास्ते पर चलना नहीं सिखा सके। रचिता के भी माता पिता का निधन हो चुका है। भाई बहन भी हिमाचल प्रदेश में नाना-नानी के घर रहते हैं। वह अकेली ही यहां रह रही थी। उस पर किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं था। मनोविज्ञानी कहते हैं कि परवरिश की अनदेखी समाज पर भारी पड़ रही है। नतीजा जिस पीढ़ी को आगे बढ़ना है, वह मानसिक रूप से कमजोर हो रही है।

पिता बोले, बच्चों की तरह दी इज्जत कठोर सजा मिले

कुशाग्र के पिता व माता ने मीडिया से बात तो नहीं की, लेकिन बेटे व हत्यारोपितों को लेकर पिछली बातों को याद करके वह खूब रोए। पिता मनीष के मुताबिक कुशाग्र काफी छोटा था, जब से रचिता उसे ट्यूशन दे रही थी।

प्रभात ही रचिता को स्कूटी से छोड़ने और लेने आता था। इसीलिए प्रभात से भी उनकी जान पहचान हो गई। पारिवारिक कार्यक्रमों में दोनों आते थे। उन्हें बच्चों की तरह इज्जत देते थे, लेकिन उन्होंने विश्वासघात किया।

परिवार के मोबाइल नंबरों की भी होगी जांच

बुधवार को पुलिस की एक विशेष टीम मनीष कनोडिया के घर पहुंची। उन्होंने मनीष कनोडिया और उनकी पत्नी के मोबाइल नंबरों के बारे में भी जानकारी ली।

 

एक महीने से बन रही थी हत्या की योजना

कुशाग्र के चाचा संजय ने बताया कि भाई मनीष की पत्नी ने मार्च में एक बच्ची को जन्म दिया था। 20 दिन पहले बच्ची से मिलने के बहाने रचिता अपने प्रेमी प्रभात के साथ कुशाग्र के घर पहुंची थी और कुशाग्र के बारे में जानकारी जुटाई थी। पुलिस अंदाजा लगा रही है कि तभी से योजना बन रही थी।