पटना। जदयू में सियासी उथल-पुथल का दौर जारी है। ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफा देते ही कई सारी सियासी अटकलों पर विराम लग गया है। हालांकि, अब राजनीतिक गलियारों में सुशील मोदी की भविष्यवाणी की खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने कुछ दिनों पहले ही कह दिया था कि ललन सिंह जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस्तीफा दे देंगे। ठीक वैसा ही कुछ शुक्रवार को दिल्ली में हुआ।
दरअसल, बीते कुछ दिनों से ललन सिंह और नीतीश कुमार (Lalan Singh And Nitish Kumar) के बीच नाराजगी की बातें चल रहीं थी। बीजेपी नेताओं का तो यह भी कहना था कि ललन सिंह जदयू को राजद में मिलाना चाहते हैं और यह बात नीतीश कुमार को बिल्कुल रास नहीं आ रही थी। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने यहां तक कह दिया था कि ललन सिंह और लालू यादव की नजदीकियां बढ़ रही हैं और इसी वजह से अब नीतीश कुमार उनको साइडलाइन करना चाहते हैं।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी।
सुशील मोदी ने कहा था कि आईएनडीआईए की बैठक में झटका खाने के तुरंत बाद जदयू (JDU) ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय परिषद की बैठक एक साथ बुलाने की घोषणा कर बड़े बदलाव का संकेत दिया है। संगठन के भीतर हताशा बढ़ी है। – पूरी खबर पढ़ें
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह।
उपेंद्र कुशवाहा ने भी दिए थे बड़े संकेत
राष्ट्रीय लोक जनता दल के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने भी ललन सिंह को लेकर बड़े संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह इन दिनों घुटन में जी रहे हैं, इसलिए वह कोई भी निर्णय ले सकते हैं। कुशवाहा ने यह भी कहा था कि ललन सिंह ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने का सपना दिखाया था, जिसे वो पूरा नहीं कर सके। नीतीश कुमार छला हुआ महसूस कर रहे हैं। – पूरी खबर पढ़ें
नीतीश कुमार के पास पार्टी की कमान
ललन सिंह के इस्तीफा (Lalan Singh Resignation) देने के बाद नीतीश कुमार के पास पार्टी की कमान आ गई है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी नेताओं के आग्रह करने की वजह से वो अध्यक्ष बन रहे हैं। बता दें कि कुछ ही वक्त में उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।