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Lata Mangeshkar Birth Anniversary: जिस पानी से धोती थीं माता पिता के चरण, उसे ही पीने के लिए करती थीं इस्तेमाल


नई दिल्ली, संगीत की दुनिया का चमकता सितारा स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है। 6 फरवरी, 2022 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन मीठी आवाज में गाए अपने गानों के जरिये वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। लता मंगेशकर का नाम भारत की सबसे महान और प्रतिभाशाली गायिकाओं में लिया जाता है। सुरीली आवाज में उन्होंने इंडस्ट्री को बहुत खूबसूरत गीत गाकर दिए। यही वजह रही कि उन्हें “क्वीन ऑफ़ मेलोडी”, “नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया” और “वॉयस ऑफ़ द मिलेनियम” जैसी सम्मानजनक उपाधियां मिलीं। लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि यह स्वर कोकिला अपनी जिंदगी के हर रिश्ते को खूबसूरती से निभाती थीं।

लता मंगेशकर ने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए कभी शादी नहीं की। मगर, परिवार के प्रति उनका प्रेम यहीं तक सीमित नहीं था। लता मंगेशकर अपने माता पिता को भगवान का दर्जा देती थीं। उनके लिए वही उनकी पूरी दुनिया थे। उनकी बहन आशा भोसले ने एक बार ऐसा किस्सा बताया जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक हो सकता है।

क्या करती थीं लता मंगेशकर?

लता मंगेशकर अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान आशा भोसले ने बताया था कि जिस पानी से वो अपने माता-पिता के पैर धोती थीं, उसी पानी को बाद में पी भी लेती थीं। दरअसल, लता मंगेशकर का मानना था कि जो बच्चे अपने माता पिता के धोए हुए पैर के बाद उसी पानी को पीते हैं, वह जिंदगी की ऊंचाई तक पहुंचते हैं। एक बार जब लता मंगेशकर कोलेहापुर में थीं, तब उन्होंने सो रहे अपने माता-पिता के पैर धोए और बाद में हथेली में लेकर उसी पानी को पी लिया।

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छोटी उम्र में उठाई थी घर की जिम्मेदारी

जिस कच्ची उम्र में बच्चे खेलते-कूदते और पढ़ाई करते हैं, उस उम्र में लता मंगेशकर ने घर की जिम्मेदारी संभालना शुरू किया था। 1942 में, जब लता 13 वर्ष की थीं, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। लता अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं और क्योंकि उनके यंग रहते पिता की मृत्यु हो गई थी, ऐसे में लता ने अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाली। कम ही लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि लता मंगेशकर सिंगर होने के साथ एक्टर भी थीं। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्होंने कुछ फिल्मों में काम किया था।

 

वह छोटी उम्र में ‘माझे बाल’, ‘चिमुकला संसार’, ‘गजभाऊ’, ‘जीवन यात्रा’, ‘मांद’ जैसी फिल्में कर चुकी हैं। पहली बार निर्देशक वसंत जोगलेकर ने उन्हें अपनी फिल्म में गाने का मौका दिया, जिसका नाम था ‘आपकी सेवा में’। इसके बाद उन्होंने संगीत को ही अपना प्रोफेशन बना लिया और बतौर सिंगर इंडस्ट्री में एंट्री ली। लता मंगेशक ने 36 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं। उन्हें 2001 में ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था।

 

गानों से बनाए रिकॉर्ड

लता मंगेशकर ने अपने गानों से रिकॉर्ड बनाया था। गिनीज बुक में उनके नाम सबसे अधिक गाना गाने वाले आर्टिस्ट के तौर पर रिकॉर्ड दर्ज है।