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LIC का सबसे सस्ता प्लान, महज 200 रुपये के प्रीमियम पर हजारों के फायदे


  • बीमा यानी इंश्योरेंस चाहे वह लाइफ का हो या फिर बीमारी का समय की जरूरत बन गया है. आदमी गरीब हो या अमीर, कोरोना काल ने इंश्योरेंस के महत्व को अच्छी तरह से समझा दिया है.

किसी भी दुर्घटना या महामारी के चलते एक गरीब परिवार को ज्यादा मुसीबतों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए सरकार ने कई तरह की बीमा योजनाएं शुरू की हुई हैं.

एक ऐसी ही योजना है एलआईसी आम आदमी बीमा योजना (LIC Aam Aadmi Bima Scheme). एलआईसी की आम आदमी योजना ग्रामीण इलाकों के ऐसे लोगों के लिए शुरू की गई हैं, जिनके पास खेती की जमीन नहीं है. मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. ऐसे लोगों में मछुआरे, रिक्शा चालक, ईंट-भट्टा मजदूर आदि को बीमा का फायदा देने के लिए शामिल किया गया है.

एलआईसी आम आदमी बीमा स्कीम की खास बात यह है कि इसमें साल में बस एक बार प्रीमियम भरना होता है और पूरे साल बीमा कवर मिलता है. यह भूमिहीन लोगों के शुरू किया गया टर्म इंश्योरेंस है.

आम आदमी बीम स्कीम में 48 तरह के व्यवसायों में काम करने वाले मजदूरों को फायदा दिया जाता है. इस बीमा पॉलिसी में कई फायदे हैं.

मृत्यु और दुर्घटना बीमा
एलआईसी आम आदमी बीमा में निवेश करने वाले लोगों को जीवन बीमा कवरेज (Insurance Coverage) तो मिलता ही है, साथ में अगर परिवार के मुखिया की प्राकृतिक कारणों से मृत्यु (Death benefits) हो जाती है या दुर्घटना की वजह से स्थायी या आंशिक विकलांगता आ जाती है तो ऐसे में परिवार को इंश्योरेंस कवरेज मिलता है.

प्राकृतिक कारणों से परिवार के मुखिया की मौत होने पर परिवार को एकमुश्त 30 हजार रुपये की बीमा राशि मिलती है. इसके अलावा दुर्घटना से मृत्यु (accidental benefit) होने की स्थिति में 75,000 रुपये परिवार को दिए जाते हैं. पूर्ण रूप से विकलांग होने की स्थिति में 75,000 रुपये, मानसिक रूप से विकलांग होने पर 37,500 रुपये और इसके अलावा मृत व्यक्ति के 2 बच्चों को 100 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति (Scholarship) भी दी जाती है.

कौन करा सकता है बीमा और क्या है प्रीमियम
एलआईसी आम आदमी बीमा स्कीम में बीमा कवरेज लेने के लिए उम्र 18 से 59 साल के बीच होनी चाहिए. स्कीम के लिए आवेदन करते समय नॉमिनी की जानकारी भरना बहुत जरूरी है. इस स्कीम के तहत सालाना 200 रुपये प्रीमियम के तौर पर देने होते हैं. इस बीमा योजना का आधा प्रीमियम राज्य सरकार वहन करती है.