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Lok Sabha Election : चुनावी भंवर से अशोक तंवर को निकालने का प्लान, मनोहर लाल ने क्यों चला ये दांव?


सिरसा। देश की राजनीति में बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जबरदस्त जलवा है। भाजपा में फायर ब्रांड योगी आदित्यनाथ ने सिरसा और कुरुक्षेत्र की धरती पर जिस तरह से पाकिस्तान के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इरादे जाहिर किए, उससे प्रदेशवासियों में जोश भर गया।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हो गए और प्रदेश के अन्य उम्मीदवार भी अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग करने लगे हैं।

योगी आदित्यनाथ की सिरसा रैली का यह असर हुआ कि भाजपा के अशोक तंवर कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा के सामने जबरदस्त मुकाबले में आ खड़े हुए हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार नवीन जिंदल की राजनीतिक ताकत में बढ़ोतरी हुई है।

तंवर और कांडा के गिले शिकवे दूर कराने के बाद मनोहर लाल ने मिलाया गले

अशोक तंवर को जब लोकल राजनीतिज्ञों का साथ नहीं मिला तो मनोहर लाल ने सभी को एक प्लेटफार्म पर बैठाया और कांडा बंधुओं को चुनाव की बागडोर सौंप दी। इसके बाद माहौल बनाने को पहले बुलडोजर रैली निकाली गई। फिर योगी आदित्यनाथ की रैली को कामयाब बनाने के लिए जरूरी संसाधन जुटाए गए।

ऐसे माहौल बनाने में जुटी भाजपा

अब मंगलवार को सिरसा में महिलाओं को स्कूटी रैली होने वाली है, जोकि कांडा बंधुओं की तरफ से हो रही है। दो दिन राम कथा व गायन का आयोजन भी होगा, जोकि सिरसा और ऐलनाबाद में होगा।

हरियाणा भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रबंधक सुभाष बराला और सीएम के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी चुनाव का समन्वय करने में लगे हैं। मनोहर लाल ने कांडा बंधुओं को अशोक तंवर के चुनाव की बागडोर सौंपने से पहले अशोक तंवर और गोपाल कांडा के गिले शिकवे भी दूर कराए हैं।

रणनीति के तहत योगी आदित्यनाथ को बुलाया सिरसा

सिरसा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो भाजपा ने एक रणनीति के तहत योगी आदित्यनाथ को यहां बुलाया है। पिछले कुछ दिनों से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर का चुनाव हिचकोले खा रहा था। ऐसा भाजपा की संसदीय क्षेत्र की राजनीति और पार्टी नेताओं के निजी हितों के चलते अशोक तंवर का चुनाव लड़खड़ाया हुआ था।

सिरसा की राजनीति में कांडा बंधुओं का प्रभाव

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने अशोक तंवर के चुनाव की कमान कांडा बंधुओं को सौंप दी। कांडा बंधुओं से मतलब सिरसा से हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा और उनके भाई गोबिंद कांडा से है, जो सिरसा की राजनीति के सिरमौर माने जाते हैं।

गोपाल कांडा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा सरकार में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार को अपना समर्थन दे रखा है।

सिरसा सीट पर स्थानीय राजनीति हावी

मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी के साथ गोपाल कांडा के अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। उनके भाई गोबिंद कांडा भाजपा की टिकट पर ऐलनाबाद विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। सिरसा लोकसभा सीट पर लोकल राजनीतिक जबरदस्त तरीके से हावी है।

भाजपा ने निवर्तमान सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काट दिया है, जबकि भाजपा जिला प्रधान निताशा सिहाग, आदित्य देवीलाल चौटाला, जगदीश चोपड़ा और अमन चोपड़ा अपने हिसाब की राजनीति करते हैं।

भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेतृत्व के पास ऐसी भी रिपोर्ट है कि हिसार से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला अपने विधानसभा क्षेत्र रानियां में अशोक तंवर के लिए काम नहीं कर रहे हैं, जिस पर पार्टी ने संज्ञान लिया है।