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डोमिनिका सरकार ने कोर्ट से कहा- भगोड़े मेहुल चौकसी की याचिका करें खारिज और भारत को करें प्रत्यर्पित


  • चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था जहां वह 2018 से एक नागरिक के रूप में रह रहा है. उसे पड़ोसी डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने पर हिरासत में लिया गया था.

भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी मामले की सुनवाई के दौरान डोमिनिका सरकार ने कोर्ट से कहा कि वे चौकसी की याचिका को खारिज कर दें. इसके साथ ही डोमिनिका सरकार कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा कि उसे भारत को प्रत्यर्पित कर दें. सरकार ने कहा कि चोकसी की तरफ से दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.

हालांकि, मेहुल चोकसी के वकील ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए उसे या तो एंटीगा भेजा जाए या नहीं तो डोमिनिका में ही रहने दिया जाए. चोकसी के वकील ने दावा किया कि डोमिनिका लाते वक्त मेहुल का किडनैप कर उसे पीटा गया.

इससे पहले मेहुल चौकसी को अस्पताल से कोर्ट लाया गया. क्लोज्ड कोर्ट सुनवाई हो रही. इस दौरान जज ने अदालत में मौजूद सभी रिपोर्टर से अपने मोबाइल फोन बंद करने को कहा.

गौरतलब है कि जांच एजेंसी सीबीआई के एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों की एक टीम डोमिनिका गई है. इस टीम में सीबीआई के दो सदस्य हैं. चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था जहां वह 2018 से एक नागरिक के रूप में रह रहा है. उसे पड़ोसी डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने पर हिरासत में लिया गया था.

चोकसी को वापस लाने और स्थानीय अभियोजकों के साथ समन्वय के लिए अधिकारियों की टीम डोमिनिका गयी है. टीम स्थानीय अभियोजकों के साथ समन्वय कर रही है ताकि उच्च न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष बेहतर तरीके से पेश किया जा सके. टीम का यह भी तर्क है कि चोकसी अब भी भारतीय नागरिक है और उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी है.