नागपुर। स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को यूपीए शासन के 10 वर्षों और नरेंद्र मोदी सरकार के 10 वर्षों के कामकाज के बीच “अंतर” पर बहस करने की चुनौती दी है।
सोमवार को नागपुर में ‘नमो’ कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, “अगर मेरी आवाज राहुल गांधी तक पहुंच रही है, तो उन्हें कान खोलकर सुन लेना चाहिए। आपके (यूपीए) 10 साल और मोदी के 10 साल में क्या अंतर है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। ” भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा ‘ युवा महासम्मेलन ‘ का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा,”अगर वह इस बारे में राहुल गांधी से चर्चा करने के लिए कहेंगी तो वह चर्चा में शामिल नहीं आएंगे। उन्होंने दावा किया कि अगर युवा मोर्चा के कई कोई कार्यकर्ता ने उनके (राहुल गांधी) सामने बोलना शुरू किया तो वो बोलना भूल जाएंगे।
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को बहस की चुनौती दी
उन्होंने राहुल गांधी को बहस का निमंत्रण देते हुए कहा कि अगर मेरी आवाज राहुल गांधी तक पहुंच रही है तो उन्हें कान खोलकर सुनना चाहिए। आइए, इस पर बहस कर लें कि किसके दस साल बेहतर हैं। मैदान तुम चुनो, कार्यकर्ता हम चुनेंगे।”
स्मृति ने अपने संबोधन में कहा कि बीजेपी ने पिछले 10 साल में पार्टी घोषणापत्र में जनता से किए गए तीन प्रमुख वादों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाना, विधायिका में महिला आरक्षण और राम मंदिर का निर्माण ये वादे थे और इन्हें पूरा किया गया।
परिवारवाद पर छिड़ी सियासी घमासान
कुछ दिनों पहले पटना में आयोजित जन विश्वास रैली में लालू यादव ने कहा था कि पीएम मोदी का कोई परिवार नहीं है। इस बयान पर सियासी हंगामा मच गया है। पीएम मोदी ने सोमवार को लालू यादव का नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि पूरा देश ही मेरा परिवार है।
इसके बाद भाजपा नेताओं ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के बायो में अपने नाम के साथ (मोदी का परिवार) लिखा। स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा, INDI के एक नेता ने कहा कि मोदी का कोई परिवार नहीं है, लेकिन हम हैं मोदी का परिवार।