संजय मिश्र। मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में 17 माह का समय है, लेकिन राजनीतिक दल तैयारियों में अभी से जुट गए हैं। वैसे तो सपा, बसपा सहित कई छोटे-बड़े दल मैदान में उतरेंगे, लेकिन असल परीक्षा तो सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस की ही होने वाली है। दोनों दल 2023 की इस चुनौती को समझ रहे हैं। इसलिए वे अभी से अपने कील-कांटे दुरुस्त करने लगे हैं। सरकार में होने के कारण भाजपा पूरी तरह चुनावी मूड में आती दिख रही है। संगठन से लेकर सरकार तक की गतिविधियों से साफ है कि वह अगले चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है। लंबे समय से प्रदेश में राज कर रही भाजपा को 2018 के चुनाव में जनता ने मामूली अंतर से विपक्ष में धकेल दिया था।
