मुंबई, Maharashtra News: महाराष्ट्र में जैसे-जैसे शिवसेना की दशहरा रैली के दिन करीब आते जा रहे हैं, असली शिवसेना होने के दावे-प्रतिदावे भी तेज होते जा रहे हैं। शनिवार को एक ओर केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना है। उसे ही दशहरा रैली के लिए मैदान भी मिलेगा और शिवसेना का चुनाव चिह्न धनुष-बाण भी। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी फिर दोहराया है कि असली शिवसेना उनकी ही है, उसे न कोई छीन सकता है, न खरीद सकता है।
इसलिए है तकरार
इसी वर्ष जून माह में शिवसेना में हुई बड़ी बगावत के बाद शिवसेना के नेतृत्ववाली महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक, 40 विधायकों ने अपना अलग गुट बनाकर अपने गुट को ही शिवसेना का दर्जा देने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की थी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने यह मांग मान भी ली। इसी प्रकार लोकसभा में भी शिवसेना के दो तिहाई सदस्यों की मांग पर उनके गट के मुख्य सचेतक व गुट नेता को शिवसेना के मुख्य सचेतक व गट नेता दर्जा मिल चुका है, लेकिन संगठन पर अधिकार की लड़ाई अभी जारी है।
दशहरा रैली को लेकर इस कारण फंसा है पेंच
इस लड़ाई के लिए शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली बड़ा मंच बनने जा रही है। चूंकि यह रैली शिवसेना के स्थापनाकाल से ही दादर स्थित शिवाजी पार्क में ही होती आ रही है, इसलिए शिवसेना के दोनों गुट दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही करना चाहते हैं। दोनों ने मुंबई महानगरपालिका में इसके लिए आवेदन कर रखा है। लेकिन यह मैदान किसे मिलेगा, इस बारे में महानगरपालिका ने अभी कोई फैसला नहीं किया है।
उद्धव ठाकरे बोले, हम हैं असली शिवसेना
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना भवन में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी चार पीढ़ियों की सामाजिक सेवा से शिवसेना खड़ी हुई है। इसलिए हम असली शिवसेना हैं। इसे हमसे न कोई छीन सकता है, न इसे खरीदा जा सकता है। ठाकरे ने कहा कि अतीत में भी कई बार शिवसेना को कमजोर करने की कोशिशें होती रही हैं, लेकिन ऐसी कोशिशें हमेशा असफल हुई हैं। ये अभी भी सफल नहीं होंगी। ठाकरे ने कहा कि उनकी परंपरागत दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही आयोजित होगी। शिवसेना सांसद विनायक राउत के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने 21 सितंबर को इस रैली की तैयारियों के लिए पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है।
नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर कसा तंज
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, महाराष्ट्र में शिवसेना में जारी तकरार के बीच केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने शनिवार को उद्धव ठाकरे पर तंज कसा। नारायण राणे ने कहा कि जिन्हें मुंबई (Mumbai) में मैदान (दशहरा के लिए) नहीं मिल रहा, वे शिवसेना (Shiv Sena) का नाम ले रहे हैं। हम चले गए तो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना को मैदान भी नहीं मिल रहा। असली शिवसेना (एकनाथ) शिंदे (Eknath Shinde) की है। आने वाले दिनों में उन्हें ही मैदान भी मिलेगा और धनुष-बाण भी मिलेगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इन दिनों दशहरा रैली को लेकर उद्धव और शिंदे गुटों में तकरार है। दोनों गुट रैली करना चाहते हैं।
शिवसेना की हर साल इस पार्क में रैली करने की रही है परंपरा
शिवसेना मुंबई के शिवाजी पार्क में हर वर्ष दशहरा रैली करती रही है। इस बार एकनाथ शिंदे गुट के अलग होने से शिवसेना दो फाड़ है। दोनों गुटों ने मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से वहां रैली करने की अनुमति मांगी है। इस बीच शिवसेना ने बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स ग्राउंड ( बीकेसी) भी बुक किया है और शिवाजी पार्क में भी दशहरा रैली पर उसकी नजर है। यदि बीएमसी ठाकरे सेना को पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति नहीं देती है तो बीकेसी को एक विकल्प के रूप में बुक किया गया है।
एकनाथ शिंदे बोले, शिवाजी पार्क में हर हाल में होगी रैली
उधर, मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने खेमे के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें दशहरा रैली के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि शिवाजी पार्क में हर हाल में रैली होगी। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए ) के भूमि व संपदा प्रकोष्ठ को पत्र लिखा है। उन्होंने पांच अक्टूबर को होने वाली दशहरा रैली के लिए एमएमआरडीए जी ब्लाक ग्राउंड बुक करने का अनुरोध किया। उन्होंने डिमांड ड्राफ्ट के रूप में बुकिंग राशि के 5100 रुपये का भुगतान भी किया हैं। सावंत ने बताया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस रैली में शामिल होंगे।
इसलिए यहां होती है दशहर रैली
शिवाजी पार्क में दशहरा रैली शिवसेना की एक परंपरा रही है। इसे शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने शुरू किया था। उनके निधन के बाद इस रैली का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया। कोविड-19 के कारण रैली पिछले दो वर्षों से आनलाइन आयोजित की जा रही थी। शिवसेना सचिव ने 22 अगस्त को रैली की अनुमति देने के लिए बीएमसी जी-नार्थ वार्ड को पत्र लिखा था। उसके बाद शिंदे खेमे के स्थानीय विधायक सदा सरवणकर ने भी पांच अक्टूबर को रैली की अनुमति लेने के लिए वार्ड कार्यालय को पत्र लिखा था। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि इन आवेदनों पर गणेश उत्सव के बाद फैसला लिया जाएगा।