इंफाल। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को बिष्णुपुर-चुराचांदपुर से सटे पहाड़ियों पर जमीनी हालात का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सुरक्षाकर्मी और अधिकारी भी मौजूद रहे। हिंसाग्रस्त राज्य के हालत पिछले दो महीने से खराब है और अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है।
दो लोगों की हुई मौत
पुलिस के मुताबिक, बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारिकों की गोलीबारी में कम से कम दो ग्राम स्वयंसेवकों की मौत हो गई। बता दें कि खोइजुमंतबी गांव में देर रात यह घटना तब हुई जब ग्राम स्वयंसेवक अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
कब तक बंद रहेगा इंटरनेट
राज्य में भड़की हिंसा की वजह से इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक की मियाद लगातार बढ़ाई जा रही है। मौजूदा स्थिति में इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को पांच जुलाई की दोपहर तीन बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
पाबंदियों में दी गई ढील
इंफाल पश्चिम जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लागू पाबंदियों में रविवार को ढील दी गई।अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन जॉनसन मीतेई द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, राज्य में झड़पें शुरू होने के बाद तीन मई को लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगाई गई थी।
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच लगभग दो महीने से हिंसा भड़की हुई है। जिसकी वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं और बीते दिनों एक बार फिर से गोलीबारी की घटना सामने आई।