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MCD स्थायी समिति का चुनाव फिर से कराने पर अड़ी BJP, मनोज तिवारी बोले- AAP ने हमारे पार्षदों पर किया हमला


नई दिल्ली, भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर स्थायी समिति के चुनाव में एक सोची समझी साजिश के तहत हंगामा करने और भाजपा पार्षदों पर हमला करने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि जब महापौर व उपमहापौर के चुनाव में मोबाइल व कलम ले जाने पर प्रतिबंध था तो स्थायी समिति के चुनाव में इसे ले जाने की अनुमति क्यों दी गई? यह निष्पक्ष गुप्त मतदान की प्रक्रिया का उल्लंघन है। उन्होंने 10 मत पत्र आप पार्षदों के कब्जे में होने का आरोप लगाया। कहा कि स्थायी समिति का चुनाव फिर से होना चाहिए।

AAP पार्षदों ने भाजपा पार्षदों पर किया हमला

प्रेस वार्ता में प्रदेश भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने वीडियो क्लीप दिखाकर आप पार्षद देवेंद्र कुमार पर यमुना विहार के पार्षद प्रबोध गुप्ता को थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में आप पार्षदों ने इसी तरह से भाजपा पार्षदों पर हमला व हंगामा किया।

दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि गुप्त मतदान की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए मोबाइल व कलम नहीं ले जाने के लिए आप के नेता सदन मुकेश गोयल के प्रस्ताव को भाजपा ने स्वीकार किया। महापौर व उपमहापौर का चुनाव शांतिपूर्ण हुआ। बाद में महापौर ने स्थायी समिति के चुनाव में मोबाइल व कलम ले जाने की अनुमति दे दी जिसका भाजपा पार्षदों ने विरोध किया तो आप पार्षदों ने हमला कर दिया।

मोबाइल ले जाने को लेकर हुआ विवाद 

सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि महापौर की तुलना में उपमहपौर चुनाव में आप को कम वोट मिले। इससे आप को लगा कि उसके पार्षद स्थायी समिति के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट देंगे। इस कारण महापौर ने स्थायी समिति के चुनाव में मोबाइल व कलम ले जाने की अनुमति दे दी। आप पार्षदों ने मोबाइल से मतदान की फोटो मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व संजय सिंह को भेजी है। यह गुप्त मतदान के अधिकार का उल्लंघन है।

निगम के सचिव भगवान दास ने बुधवार रात 9.50 पर पत्र लिखकर दस मत पत्र मतदान पेटी में नहीं होने और चुनाव प्रक्रिया को सही तरह से होने की बात कही है। सांसद ने कहा कि मतदान पेटी को सील किए बिना महापौर के कमरे में रखा गया। भाजपा पार्षदों की अनुपस्थिति में बिना वीडियो रिकार्डिंग के इसे तड़के तीन बजे महापौर ने उसे सील किया है। सदन की बैठक नौ बार स्थगित की गई। महापौर प्रत्येक बार देरी से सदन में पहुंची। इस बीच वह आप नेताओं से निर्देश लेती रहीं।