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Microsoft Server Down: ‘एंटीवायरस ही बना वायरस’ Outage से बचने के लिए क्या करे दुनिया?


नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट का Cloud Computing Server शुक्रवार को अचानक बंद हो गया। Windows Software पर काम करने वाले कंप्यूटर और लैपटॉप की रफ्तार पर ब्रेक लग गई। सर्वर के ठप होने से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और भारत समेत 40 से ज्यादा देशों में अफरा-तफरी मच गई।

माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स की बढ़ गई परेशानी

भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी से लेकर कई देशों में विमान सेवाएं प्रभावित हुई। वहीं, इस समय माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स की परेशानी काफी बढ़ चुकी है। यूजर्स को OneDrive और OneNote पर फाइलों को एक्सेस करने में परेशानी हो रही। वहीं, यूजर्स को Outlook के जरिए ईमेल एक्सेस में भी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।

क्राउडस्ट्राइक ने गड़बड़ी पर क्या कहा है?

साइबर सिक्योरिटी फर्म, क्राउडस्ट्राइक (CrowdStrike) ने जानकारी दी कि कंपनी ने गड़बड़ियों का पता लगा लिया है और उसे ठीक करने के लिए काम किया जा रहा है।

बता दें कि क्राउडस्ट्राइक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों की डिवाइस के लिए वायरस सॉफ्टवेयर प्रदान करता है। क्राउडस्ट्राइक का काम सॉफ्टवेयर कंपनियों को हैकर्स, साइबर अटैक, रैंसमवेयर और डेटा लीक से बचाना है। हालांकि, ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) समस्या अभी कुछ समय तक बनी रहेगी।

ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ क्या बला है?

पहले समझ लें कि ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ क्या है। दरअसल, जब किसी डिवाइस में हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की परेशानी सामने आती है या जब किसी वजह से जबरन डिवाइस को शटडाउन और रीस्टार्ट किया जाता है तो अक्सर लैपटॉप और पीसी पर एक मैसेज आता है।

इस मैसेज पर लिखा होता है कि डिवाइस को नुकसान से बचाने के लिए विंडोज को बंद कर दिया गया है। कंप्यूटर में लगे हार्ड ड्राइव, ग्राफिक्स कार्ड या पावर सप्लाई यूनिट की वजह से भी ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ की दिक्कत हो सकती है। इस समय दुनियाभर के लोगों को ‘ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ’ का सामना करना पड़ रहा है।

सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर कब तक यूजर्स इस परेशानी से निजात पाएंगे। वहीं, अब लोगों को भविष्य में किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है, इसे लेकर दैनिक जागरण ने सीनियर आईटी एक्सपर्ट समीर शर्मा से सर्वर डाउन से जुड़ी कई पहलुओं पर बातचीत की।

समस्या से निपटने में लगेगा कुछ दिनों का वक्त

आईटी एक्सपर्ट ने बताया,”जिस क्राउडस्ट्राइक का काम माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को सुरक्षा प्रदान करना है। उसी एंटीवायरस ने माइक्रोसॉफ्ट की परेशानी बढ़ा दी। ये कुछ ऐसा ही है कि कोई बीमारी से ठीक होने के लिए कोई मरीज दवा ले, लेकिन दवा मरीज के शरीर में रिएक्ट कर जाए। एंटीवायरस ही वायरस का काम कर गया।”

 इस समस्या से निपटने में यूजर्स को कम से कम माइक्रोसॉफ्ट को एक हफ्ते का वक्त लग सकता है।

‘मैनुअली ठीक करनी होगी समस्या’

विशेषज्ञ का कहना है कि क्राउडस्ट्राइक इस गड़बड़ी को रिमोट एक्सेस के जरिये नहीं सुधार सकती है। इस समस्या का समाधान मैनुअली करना होगा। इस प्रक्रिया में कई दिन लग सकते हैं।

बता दें कि गुरुवार रात को क्राउडस्ट्राइक सॉफ्टवेयर ने एक अपडेट रिलीज किया, जिसने विंडोज कंप्यूटर में अचानक गड़बडी पैदा कर दी। जिन कम्प्यूटर्स पर यह अपडेट गया, वे सब क्रैश होते चले गए।

एक्सपर्ट ने लोगों को दी ये खास सलाह

समीर शर्मा ने आगे जानकारी दी कि सर्वर डाउन होने से सबसे बुरा असर आम यूजर, ट्रेवलिंग, बैंकिंग, कम्युनिकेशन के कामकाज से जुड़े लोगों पर पड़ा है। उन्होंने सलाह दी कि भविष्य में सर्वर डाउन होती है तो उनके कामकाज न रुके उसके लिए लोगों को अपनी जरूरी कागजात के हार्ड कॉपी हमेशा अपने पास रखनी चाहिए।

लोगों को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए। शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन की वजह से यूपीआई ट्रांजैक्शन करने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

उन्होंने आगे सलाह दी कि ट्रैवलिंग के समय लोग कैश रखें। एयरपोर्ट पर कैश लेकर जाएं। प्लान बी होना चाहिए। आपके डॉक्यूमेंट ऑनलाइन होना चाहिए।

माइक्रोसॉफ्ट ने क्या कहा?

सर्वर डाउन को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने कहा,”क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था, जिसने दुनियाभर में आईटी सिस्टम को प्रभावित करना शुरू कर दिया।”

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर आए इस परेशानी से हम बखूबी अवगत हैं और ग्राहकों को उनके सिस्टम को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वापस लाने के लिए क्राउडस्ट्राइक को टेक्निकल सपोर्ट मुहैया करा रहे हैं।