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Mohammed Shami: नहीं कम हो रही मोहम्मद शमी की मुश्किलें, अब एक और मामला आया सामने


अमरोहा : ।MD Shami, World Cup 2023। हाई कोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद करोड़ों की जमीन खरीदने के मामले में पीड़ित पक्ष ने जिलाधिकारी को एक और शिकायती पत्र भेजा है। आरोप है कि विवादित जमीन का कुछ हिस्सा दिल्ली-लखनऊ हाईवे के चौड़ीकरण में अधिगृहीत हो गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से करीब 1.40 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। इसमें क्रिकेटर मोहम्मद शमी को करीब 56 लाख रुपये का भुगतान किया गया। शिकायती पत्र में जिलाधिकारी से प्रकरण की जांच कराकर धनराशि वापस दिलाने की मांग की है।

न्यायालय ने जमीन खरीद-बिक्री पर दिया स्थगनादेश

मुरादाबाद निवासी सैफ आलम का आरोप है कि वर्ष 2013-14 में वह अमेरिका में रह रहे थे। तब उनके स्वजन ने बिना उनकी सहमति के दिल्ली-लखनऊ हाईवे स्थित लगभग 49 बीघा जमीन मुरादाबाद के ही चंद्रा परिवार को बेच दी थी। पता चलने पर उन्होंने हाईकोर्ट इलाहाबाद की शरण ली। न्यायालय ने जमीन की खरीद-बिक्री पर स्थगनादेश दे दिया।

आरोप है कि इसके बाद भी क्रिकेटर मोहम्मद शमी के भाई हसीब ने उनकी पावर ऑफ एटार्नी के आधार पर जमीन सस्ते दामों में खरीद ली। न्यायालय की अवमानना व बैनामा निरस्त कराने को लेकर उन्होंने सिविल कोर्ट अमरोहा में वाद दायर किया है। मोहम्मद शमी ने जमीन का कुछ हिस्सा 1.28 करोड़ रुपये में अपनी मां को बेच दिया है।

1.40 करोड़ सरकारी रुपये मुआवजे का आरोप

बुधवार को सैफ आलम ने जिलाधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा है कि हाईवे के चौड़ीकरण के दौरान जमीन का कुछ भाग अधिगृहीत किया गया था। इसके एवज में शमी और चंद्रा परिवार को करीब 1.40 करोड़ रुपये मुआवजा मिला है।

मुआवजा लेने से पहले लाभार्थी को प्रशासन को शपथपत्र देना होता है कि उक्त भूमि विवाद रहित है। इस संबंध में भूमि अध्याप्ति अधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2019 में श्योनाली की जमीन का मुआवजा दिया गया है। इसमें शमी इंटरप्राइजेज के नाम पर करीब 56 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। भुगतान के समय विभाग को किसी तरह की शिकायत या आपत्ति नहीं मिली थी। अब शिकायती पत्र मिलने पर जांच की जाएगी।