इस साल के मई से लेकर अब तक दुनिया में 26 हजार से अधिक मंकीपाक्स के मामले आ चुके हैं। हालात को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organisation, WHO) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने का फैसला लिया है। इस बीमारी के प्रकोप को लेकर ऐसा देखा गया है कि यह उन देशों में फैला है जहां यह वायरस सामान्य तौर पर नहीं पाया जाता है। यह बात बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी में बायोमेडिकल साइंस की लेक्चरर तारा हर्स्ट (Tara Hurst) ने कही है।
दिल्ली सरकार (Delhi Government) मंकीपॉक्स की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का कहना है कि मंकीपॉक्स (Monkeypox) से घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर अपनी तरफ से उपाय किए हैं, जिससे कि लोगों को कोई दिक्कत न हो और आसानी से इलाज हो सके।
छह अस्पतालों में बेड किए गए आरक्षित
दिल्ली सरकार ने मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए तीन सरकारी अस्पतालों और तीन प्राइवेट अस्पतालों में बेड आरक्षित कर दिए हैं, जहां पर संदिग्ध या पुष्ट मामलों में मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन से संबंधित निर्देशों को आरक्षित किए गए सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के साथ साझा भी कर दिया है।
संक्रमण की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा-निर्देश
रोग के ट्रांसमिशन, निगरानी, निदान और केस का प्रबंधन, संक्रमण की रोकथाम, नियंत्रण, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण समेत अन्य दिशा-निर्देश शामिल हैं। सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे मंकीपॉक्स के सभी संदिग्ध मामलों में जिला निगरानी इकाइयों के समन्वय से उन्हें आइसोलेशन और प्रबंधन के लिए नामित अस्पतालों में रेफर करें।
राज्य निगरानी इकाई, डीएसयू और एयरपोर्ट हेल्थ आर्गेनाइजेशन के साथ समन्वय भी कर रही है। सरकार ने लोकनायक, गुरु तेग बहादुर और बाबा साहब अंबेडकर और तीन निजी अस्पतालों कैलाश दीपक, एमडी सिटी और बत्रा अस्पताल में पुष्ट और संदिग्ध मामलों के लिए कमरे आरक्षित किए हैं।