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National Herald Case में आज फिर होगी राहुल गांधी से पूछताछ,


नई दिल्ली, । नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के लिए राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को फिर बुलाया है। सोमवार को राहुल से करीब 12 घंटे पूछताछ की गई। वह देर रात करीब 12 बजे ईडी आफिस से बाहर निकले। बीते 4 दिनों में ईडी राहुल से करीब 42 घंटे की पूछताछ कर चुकी है। इसी मामले में ईडी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 23 जून को सवाल करेगी।

राहुल गांधी से अब तक चार बार हो चुकी पूछताछ

चार दिन के अंतराल के बाद सोमवार को फिर ईडी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछताछ की। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूछताछ सही दिशा में चल रही है। एसोसिएटेड जर्नल पर यंग इंडिया का कब्जा मनी लांड्रिंग के लिए फिट केस है। इसमें कानून के तहत आगे भी कार्रवाई जारी रखी जाएगी। बताते चलें कि राहुल गांधी से अब तक चार बार पूछताछ हो चुकी है। उनको एजेंसी ने पांचवीं बार सवाल-जवाब के लिए 21 जून को फिर बुलाया है। पिछले हफ्ते सोमवार, मंगलवार और बुधवार को लगातार पूछताछ के बाद ईडी ने राहुल गांधी को शुक्रवार को फिर बुलाया था। लेकिन राहुल ने सोमवार का समय मांगा था। रविवार को अपना 52वां जन्मदिन मनाने के बाद कांग्रेस नेता सोमवार सुबह 11.05 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे। उनसे लगभग 12 घंटे तक पूछताछ हुई।वे मध्य रात्रि 12.30 बजे ईडी कार्यालय से बाहर निकले। उनसे अब तक करीब 47 घंटे की पूछताछ हो चुकी है।

राहुल गांधी से पूछे गए सवालों के बारें में नहीं मिल रही जानकारी

राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामला होने के कारण ईडी के अधिकारी राहुल गांधी से पूछे गए सवालों और उनके जवाब के बारे में नहीं बता रहे हैं। लेकिन वे इसे मनी लांड्रिंग के लिए फिट केस बता रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के बिना एफआइआर के मनी लांड्रिंग का केस नहीं बनने के आरोपों को वरिष्ठ अधिकारी ने खारिज कर दिया। उनके अनुसार, ईडी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत कानून सम्मत कार्रवाई कर रही है। सीआरपीसी में पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने या फिर इसके लिए सीधे अदालत में शिकायत दर्ज करने का स्पष्ट प्रविधान है।

जानें- क्या है नेशनल हेराल्ड का मामला, जिसमें राहुल से हो रही पूछताछ

इस मामले में सुब्रह्माण्यम स्वामी ने पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने के बजाय अदालत में शिकायत की। अदालत के सामने भी शिकायत को जांच के लिए पुलिस को भेजने या फिर खुद ही इसे देखने के दो रास्ते थे। अदालत ने दूसरा रास्ता अपनाया और शिकायत की पूरी जांच के बाद समन जारी कर दिया। इसके खिलाफ आरोपित हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट भी गए। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के समन को सही ठहराया। बाद में सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत सभी आरोपितों को जमानत लेनी पड़ी। 2015 के जमानत आदेश में अदालत ने उन्हें साफ तौर पर आइपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोपित बताया है, जो मनी लांड्रिंग के लिए सूचीबद्ध धारा है।