बाल्टिक देश नाम क्यों दिया गया
बाल्टिक देश उन क्षेत्रों को कहते हैं, जिन्हें तत्कालीन रूस से प्रथम विश्व युद्ध के समय आजादी मिली थी। साल 1939 में लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया सोवियत संघ का हिस्सा बने। इसके पहले ये तीनों देश आजाद थे। सोवियत संघ के पतन के बाद फिर से आजाद हुए तीनों बाल्टिक देश (लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया) नाटो में शामिल हो गए थे। एक युद्ध योजना को दिखाते हुए कोरोटचेंको ने कहा कि बाल्टिक देशों पर कब्जा कुछ इस तरह से किया जा सकता है। शो के दौरान रूसी अधिकारी ने एक मैप दिखाया, जिसमें नाटो सेना की तैनाती साफ दिख रही है। इसके बाद उन्होंने बताया कि किस तरह से रूस इन नाटो देशों पर हमला कर सकता है।
रूस का लड़ाकू हेलीकाप्टर पहली बार एस्टोनिया की सीमा में घुसा
1- नाटो सदस्य देश लिथुआनिया को धमकी देने के बाद अब रूस का लड़ाकू हेलीकाप्टर पहली बार एस्टोनिया की सीमा में घुसा है। यही नहीं रूस ने एस्टोनिया की सीमा के पास चल रहे अपने युद्धाभ्यास में हर दिन मिसाइल हमले का अभ्यास भी किया है। रूस ने यह कदम ऐसे समय पर उठाए हैं, जब नाटो देशों का बड़ा शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। एस्टोनिया और लिथुआनिया दोनों ही देश नाटो के सदस्य देश हैं और रूस से इनकी सीमा लगती है। एस्टोनिया ने कहा है कि उसने रूस के राजदूत को तलब किया है ताकि रूस के एमआई-8 हेलीकाप्टर की घुसपैठ का विरोध दर्ज कराया जा सके।
2- यह रूसी हेलीकाप्टर बिना अनुमति के शनिवार को एस्टोनिया के हवाई इलाके में घुस गया था और करीब दो मिनट तक बना रहा था। यह घटना एस्टोनिया के दक्षिणी कोइदुला इलाके में हुई जो रूस के पेस्कोव शहर के पास स्थित है। बताया जा रहा है कि एक और रूसी हेलीकाप्टर एस्टोनिया की सीमा के बिल्कुल पास से गुजरा था। एस्टोनिया, लिथुआनिया और लाटविया तीनों ही रूसी साम्राज्य का हिस्सा रहे हैं। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद ये मुल्क रूस से अलग हो गए थे। इसके बाद साल 1940 में सोवियत संघ ने फिर से इन तीनों देशों पर कब्जा कर लिया। वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद ये तीनों देश फिर से अलग हो गए।
मोल्दोवा और स्वीडन को धमकी दे चुके हैं पुतिन
NATO में शामिल होने को लेकर पुतिन स्वीडन को धमकी दे चुके हैं। रूस ने कहा कि स्वीडन को NATO में शामिल होने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके अलावा सैन्य और राजनीतिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। पिछले दिनों पुतिन के खास सहयोगी और बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको मैप पर रूस के आक्रमण के रास्तों और उन स्थानों के बारे में जानकारी दे रहे थे, जहां आने वाले दिनों में रूस बमबारी कर सकता है। इस मैप में मोल्दोवा भी साफ दिखाई दे रहा था। पि