नई दिल्ली। NEET UG 2024 परीक्षा में सम्मिलित हुए 23 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए आज यानी सोमवार, 23 जुलाई का दिन महत्वपूर्ण हो सकता है। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – यूजी (NEET UG) 2024 परीक्षा के 5 मई के आयोजन तथा 4 जून को घोषित नतीजों को रद्द करके फिर से आयोजन की मांग वाली उच्चतम न्यायालय में दायर 40 से अधिक याचिकाओं सुनवाई शुरू हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों – मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खण्डपीठ इन सभी मामलों पर एकसाथ सुनवाई (SC on NEET UG 2024) कर रही है।
SC on NEET UG 2024: सुनवाई की मुख्य बातें:-
- सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से गुहार लगाई गई कि यदि सभी छात्र-छात्राओं का नहीं तो कम से कम उन स्टूडेंट्स का रीटेस्ट कराया जाना चाहिए, जिन्हें NTA ने नीट यूजी में सफल घोषित किया है। एक अन्य अधिवक्ता ने भी कहा कि इस परीक्षा प्रीलिम्स मानते हुए एक मेन एग्जाम कराया जा सकता है।
- CJI ने कहा नीट का मामला आज खत्म हो जाएगा।
- सुनवाई लंच के बाद दोबारा शुरू।
- याचिकाकर्ताओं के एक अधिवक्ता ने खण्डपीठ द्वारा पेपर लीक के सबूत मांगे जाने पर कहा कि सीकर के कुछ केंद्रों पर परीक्षा दिए स्टूडेंट्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अहमदाबाद की एक स्टूडेंट ने बेलगाम में सेंटर चुन और उसके 705 अंक आए हैं, जबकि वह 12वीं में फेल हो गई है।
- इसी प्रकार सीकर के 50 परीक्षा केंद्रों पर सम्मिलित हुए स्टूडेंट्स में 650 से अधिक अंक पाने वालों में 38 सीकर से हैं।
- याचिकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि हरदयाल स्कूल सेंटर पर एग्जाम दिए एक स्टूडेंट के 719 आए रैंक 68 थी, जबकी रीटेस्ट के बाद 58,000 रैंक आई। अब उन्हें नहीं पता है कि कैनरा बैंक का पेपर दिया गया गया या एसबीआइ की पेपर। 4 जून को सिर्फ के आंसर-की दिए गए और 4 जून को नहीं बताया गया था कि ग्रेस मार्क्स दिए गए।
- CJI ने पूछा कि ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए? इसके जवाब ने SG ने कहा कि NTA का यह निर्णय सही नहीं था, जिसके कारण इसे वापस लिया गया और रीटेस्ट कराया गया।
- याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता की तरफ से कहा गया कि हरियाणा के झज्जर में बनाए गए एक केंद्र हरदयाल स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा कैनरा बैंक और एसबीआइ दोनों के लॉकर से पेपर लिए गए। यह वही स्कूल है जहां से 720/720 अंक प्राप्त करने वाले 6 स्टूडेंट्स हैं। इस मामले पर NTA की तरफ से कहा गया है कि इन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे जो कि गलत प्रश्न-पत्र के वितरण के बाद आधे घंटे की हानि के चलते दिए गए थे। जबकि स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि कोई देरी नहीं हुई। पहले कैनरा बैंक का पेपर बांटा गया, जबकि एसबीआइ की पेपर वितरित होना था।
- CJI ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे साबित करें कि पेपर लीक की घटना व्यापक स्तर पर हुई।
- पेपर लीक को लेकर जमकर हुई बहस के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल ने खण्डपीठ से अपील की बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की पूरी रिपोर्ट पढ़ी जाए।
- याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील दी गई कि बिहार पुलिस की जांच के मुताबिक पेपर लीक की घटना 3 मई से पहले हुई, जो कि केंद्र सरकार के दावे के विपरीत है।
- याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि NTA ने खण्डपीठ के आदेश के मुताबिक पोर्टल पर परिणाम प्रकाशित तो किया लेकिन इसमें AIR और एग्जाम सेंटर के सीरियल नंबर नहीं हैं।
SC on NEET UG 2024: 18 जुलाई को हुई थी पिछली सुनवाई
मेडिकल, डेंटल, आयुष और नर्सिंग स्नातक प्रवेश परीक्षा NEET UG 2024 के पेपर लीक और नतीजों को लेकर उठे सवालों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर पिछली सुनवाई 18 जुलाई को हुई थी, जिसके दौरान CJI ने NTA को आदेश दिया था कि परीक्षा का पूरा रिजल्ट शनिवार, 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करें। इस आदेश के अनुपालन में एजेंसी ने परिणाम जारी कर दिया था।
SC on NEET UG 2024: 11 जुलाई को भी हुई थी सुनवाई
वहीं, इससे पहले इन मामलों पर सर्वोच्च न्यायालय की खण्डपीठ द्वारा 11 जुलाई को भी सुनवाई की गई थी, जिसके दौरान मुख्य नायाधीश ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के साथ-साथ सरकार द्वारा पेपर लीक और अनियमितताओं पर सबमिट की गई रिपोर्टों पर याचिकाकर्ताओं को अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देने को कहा था और अगली सुनवाई 18 जुलाई को किए जाने के निर्देश दिए थे।