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नेशनल डेस्क: भारत, रूस, ईरान एवं पांच मध्य एशियाई देशों के सुरक्षा प्रमुखों ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर आज यहां गहन विचार मंथन किया और माना कि अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम का ना केवल उस देश के लोगों बल्कि पड़ोसी एवं आसपास के देशों पर गहरा असर होगा।
ये बोले डोभाल
- हम सब आज अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर बात करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह देशों के बीच घनिष्ठ परामर्श और अधिक सहयोग और समन्वय का समय है।
- सभी मध्य एशियाई देशों और रूस की भागीदारी के साथ आज वार्ता की मेजबानी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। हम आज अफगानिस्तान से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे हैं। हम सभी अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए हैं। यह न केवल अफगानिस्तान के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं
- यह हमारे बीच घनिष्ठ परामर्श, सहयोग, और क्षेत्रीय देशों के बीच वार्ता और समन्वय का समय है। मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श उपयोगी सिद्ध होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा को बढ़ाने में योगदान देंगे।
- बैठक में भाग लेने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों में ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव रियर एडमिरल अली शामखानी, कज़ाखस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव, किर्गीज़ गणराज्य की सुरक्षा परिषद के सचिव मराट मुकानोविच इमानकुलोव, रूसी के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पी. पेत्रुशेव, ताजिकिस्तान सुरक्षा परिषद सचिव नसरुलो रहमतजोन महमूदज़ोदा, तुकर्मेनिस्तान के मंत्रियों के मंत्रिमंडल के उपाध्यक्ष चार्मीरत काकलयेवविच अमावोव और उज्बेकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति के अधीन सुरक्षा परिषद के सचिव विक्टर मख्मुदोव शामिल थे।
- भारत ने अफगानिस्तान के समक्ष सुरक्षा एवं मानवीय चुनौतियों के समाधान के लिए एकीकृत अंतरराष्ट्रीय पहल का आह्वान किया है। इस बैठक में इस पहल की रूपरेखा सामने आ सकती है।