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विदेश मंत्री एस जयशंकर 18 सितंबर को जाएंगे अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र महासभा और द्विपक्षीय बैठक में होंगे शामिल


नई दिल्ली, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (External Affairs Minister Dr S Jaishankar) 18 से 28 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सालाना बैठक में भारत की तरफ से भाषण देंगे।

कई बैठकों में लेंगे हिस्सा

इन दस दिनों में विदेश मंत्री वहां द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कम से कम दस बैठकों में हिस्सा लेंगे। इसमें क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों और ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी शामिल है। इसके अलावा वो भारत-यूएई-फ्रांस, भारत-आस्ट्रेलिया-फ्रांस और भारत-इंडोनेशिया-फ्रांस की त्रिपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लेंगे।

 

क्या है जी-4?

एक अन्य त्रिपक्षीय बैठक भारत-ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के संगठन आईबीएसए की भी होगी। इसके अलावा जयशंकर भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील की जी-4 के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी शिरकत करेंगे। जी-4 का गठन इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आवश्यक बदलाव की मांग करते हुए की है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में एक विशेष समारोह का आयोजन 24 सितंबर, 2022 को किया गया है। इसमें भी विदेश मंत्री जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

25 से 28 सितंबर तक होगी अमेरिका की द्विपक्षीय यात्रा

जयशंकर की 25 से 28 सितंबर, 2022 तक अमेरिका की द्विपक्षीय यात्रा होगी। इन चार दिनों में वो वाशिंगटन में रहेंगे। वहां उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के साथ ही अमेरिकी प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों और थिंक टैक के साथ भी मुलाकात होने वाली है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और गहरा बनाने में सुविधा होगी।

एंटोनियो गुटेरेस से करेंगे मुलाकात

संयुक्त राष्ट्र महासभा में जयशंकर का संबोधन 24 सितंबर के पूर्वाह्न में निर्धारित है। यात्रा के दौरान, वह महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और 77वें पीजीए सीसाबा कोरोसी से भी मुलाकात करेंगे।

24 सितंबर को विशेष कार्यक्रम को करेंगे संबोधित

जयशंकर के 24 सितंबर को विशेष कार्यक्रम ‘इंडिया@75: शोकेसिंग इंडिया यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन’ को भी संबोधित करने की उम्मीद है, जो भारत की विकास यात्रा और दक्षिण-दक्षिण सहयोग में इसके योगदान को उजागर करेगा। इस कार्यक्रम को 77वें यूएनजीए के अध्यक्ष के साथ-साथ कई सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों और यूएनडीपी प्रशासक द्वारा संबोधित किए जाने की उम्मीद है।